मातृभाषा में करो, मन के व्यक्त विचार। मातृभाषा ही बने, सब सुख का आधार।। निज भाषा के मान से, है सबका सम्मान। भूलकर भी नहीं करो, तुम इसका अपमान।। मन की पीड़ा कह सको, नित अपनों के बीच। निजभाषा की धार से, वाणी को लो सींच।। हिंदी का नित मान […]
” बाबा ! ऐसा मत करिए. वे जी नहीं पाएंगे,” बेटी ने अपने पिता को समझाने की कोशिश की. ” मगर, हम यह कैसे बरदाश्त कर सकते हैं कि हमारी बेटी अलग रीतिरिवाज और संस्कार में जीए. हम यह सहन नहीं कर पाएंगे. इसलिए तुम्हें हमारी बात मानना पड़ेगी.” ” […]
दिल में सौ दर्द पाले बहन-बेटियाँ घर में बाँटें उजाले बहन-बेटियाँ कामना एक मन में सहेजे हुए जा रही हैं शिवाले बहन-बेटियाँ ऐसी बातें कि पूरे सफ़र चुप रहीं शर्म की शाल डाले बहन-बेटियाँ हो रहीं शादियों के बहाने बहुत भेड़ियों के हवाले बहन-बेटियाँ गाँव-घर की निगाहों के दो रूप […]
जिंदगी के खेल में मात हुई, तजुर्बा तो हुआ। उन्हें हम से चाहत नही, फैसला तो हुआ। वो कुबूल करे के न करे,ये उन की है मर्जी, हर अंजुमन में, मौहब्बत का चर्चा तो हुआ। अब भी आते है उन के ख्वाब पिछले पहर, वो दिल से दूर नही, नजर […]
यूं ही चलते चलते मैंने रितिका से पूछ लिया था कि ‘पानीपूरी खाओगे’ , उसने हाँ में गर्दन हिलाते हुए कहा- हाँ, जरूर, तुम जो खिला रहे हो ! हम रोड क्रॉस करते हुए पानी पूरी वाले के पास गए! दोनों पानीपुरी खाने लगे ! वैसे तो रितिका और मैं […]
मुरारी का सौदा नहीं बैठ रहा था। उसने कहा-‘पटवारी साहब ! मैं १२००० रूपए दिलवा सकता हूं,जिसमें मेरा हिस्सा ४००० रूपए रहेगा।’ मगर,राजू पटवारी नहीं मान रहा था।वह नशे में झूमते हुए कह रहा था-‘रूपए तो २०००० लगेंगे। साहब को भी देना पड़ते हैं’। उसने अपना फरमान सुनाया था कि […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।