महोदय, राष्ट्रपति सचिवालय से हिन्दी में प्रेस विज्ञप्तियाँ जारी नहीं की जा रही हैं और न ही वेबसाइट पर प्रकाशित की जा रहीं हैं। राष्ट्रपति सचिवालय में धारा 3(3) का उल्लंघन भी हमेशा किया जाता है। 1) 19 अगस्त 2020 को सचिवालय द्वारा अंतिम बार हिन्दी में “भारत के राष्ट्रपति […]

विचारों की परिपक्वता, विस्तार का आभामंडल, सत्य के लिए संघर्ष, सत्य कहने के कारण नकारे जाने का भी जहाँ भय नहीं, अहिंसावादी दृष्टिकोण, उदारवादी रवैय्या, आर्थिक सुधारों के पक्षधर और अंग्रेजों से लोहा लेने में जिन व्यावहारिक कूटनीतिक तरीकों को अपना कर राष्ट्र के स्वाधीनता समर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका […]

मातृ-भाषा, भारतीय भाषाओं के माध्यम व भाषा शिक्षण संबंधी बिंदु सभी मातृ-भाषा व भारतीय भाषा प्रेमियों को सादर नमस्कार ! यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष एवं इसके वर्तमान सलाहकार मा. के. कस्तूरीरंगन जी की अध्यक्षता में […]

नई लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। यह हर्ष का विषय है कि राष्ट्रीयता व देश-प्रेम इन चुनावों में प्रमुखता से उभर कर आए हैं । यह सार्वभौमिक सत्य है कि भाषा-संस्कृति किसी भी देश की राष्ट्रीयता का प्रमुख आधार होते हैं। भाषा के माध्यम से संस्कृति आगे बढ़ती […]

यदि भारतीय भाषाओं के नजरिए से लोकसभा चुनाव 2019 को देखा जाए तो इसमें दो बातें महत्वपूर्ण हैं, एक तो यह है कि भारतीय भाषाओं के जरिए लोकसभा चुनाव के दौरान किसने क्या पाया ? और दूसरा यह कि इस चुनाव में भारतीय भाषाओं ने क्या पाया ? या यूं […]

देश में एक ऐसा वर्ग बन गया है जो कि संस्कृत भाषा से तो शून्य हैं परंतु उनकी छद्म धारणा यह बन गयी है कि संस्कृत भाषा में  जो कुछ भी लिखा है वे सब पूजा पाठ के मंत्र ही होंगे जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है। देखते हैं –   *”चतुरस्रं मण्डलं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।