बात-बात पर रुठना, अच्छी नहीं है बात रुठकर मुंह मोड़ना, है और भी बुरी बातl अपनत्व में मनमाफिक, नहीं होता कभी-कभी लेकिन अपनों को छोड़ना, नहीं है अच्छी बातl व्यर्थ का सोचना, गर छोड़ देंगे आप फिर अपनों से नहीं मिलेगा, कभी कोई सन्तापl स्वयं का स्वयं से, जब […]

पूर्वज हैं हमारी जिंदगी का व्याकरण, जिन्होंने किया सबकुछ हमें समर्पण। इनके सदगुणों का  करें अनुसरण, पितृगण हैं हमारे संस्कारों का दर्पण॥ विश्व व्याप्त वसुदेव-प्रेम का कर समर्थन, गाय,ब्राह्मण,श्वान,काग,को करें भोज अर्पण। क्योंकि श्राद्ध पक्ष में करते पितृ धरा पर भ्रमण, धूप ध्यान से होता पितृदोष-ऋण का निवारण॥ सर्वपितृ अमावस्या […]

कुचल दो कुयाशा की शाखाएँ, कुहक ले चल पड़ो कृष्ण चाहे; कृपा पा जाओगे राह आए, कुटिल भागेंगे भक्ति रस पाए। भयंकर रूप जो रहे छाए, भाग वे जाएँगे वक़्त आए; छटेंगे बादलों की भाँति गगन, आँधियाँ ज्यों ही विश्व प्रभु लाएँ। देख लो क्या रहा था उनके मन, जान […]

खो गए विश्व गो-शाला, गो-मना हो के गोपाला; खोजते रहते ब्रज ग्वाला, कहाँ मिल पा रहे लाला। तके गोष्पद बिपद विहरन, रमण कर राधिका अनहद; चली मूँदे नयन चित-वन, कहाँ चितवन लखत त्रिभुवन। कभी मुरली सुने मधुवन, किए क़द छोटा वेलन तृण; खोज करती कभी मृदु सुर; साधना शोध में […]

विघ्नहर्ता-सुखकर्ता गणेश, करेंगे  आज घर-घर प्रवेश। रिद्धि-सिद्धि,   शुभ-लाभ, सहित पधारेंगे आज गणेश॥ बुद्धिदायक,चिंतामण गणेश, दूर करने आएं हमारे क्लेश। प्रिय मोदन  लड्डू का भोग, पाकर हो जाते प्रसन्न गणेश॥ फलदायक , एकदंत गणेश, शुद्ध करने आए हैं  परिवेश। माता-पिता की सेवा का पाठ, पढ़ाने घर-घर  आए गणेश॥ सुख समृद्धि […]

मैं क्या  जानूं  बच्चा  नादान, क्या होता है हिन्दू-मुसलमान। मजहबों का  नहीं  मुझे ज्ञान, मैं धरती पर जन्मा हूँ इंसान॥ बनूँ चाहे रहीम या बनूँ कृष्ण, मत उठाओ मुझ पर कोई प्रश्न। माँ दे रही इंसानियत का ज्ञान, एकता  से  देश बनता महान॥               […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।