बोलने में बहुत छोटा सा शब्द है लेकिन माँ तुझमें ही तो सारा ब्रह्माण्ड समाया है मै क्या जानू राम कृष्ण नानक या किसी ईश को हर कोई ईश्वर तेरे अंदर ही पहले रहा नन्हा जीव बनकर फिर शिशु रूप में वो परमात्मा भी तेरे द्वारा ही तो मेरे सामने […]

               प्रेम ईश्वरीय सत्ता द्वारा प्रदत्त वह सोपान है जिस पर सृष्टि की नींव खड़ी है भारतीय संस्कृति में इसे सर्वोपरि स्थान दिया गया है इस भावना के वशीकरण से बड़े से बड़ा कार्य आसानी से हल हो जाता है इसका अभाव विध्वंस को न्योता देता है भौतिक सुख साधन […]

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माँ मैं माँ बनी हूँ तो अब ये सोचती हूँ क़ि जाने कैसे तुमने मुझको पाला होगा, मेरे हर छोटे-बड़े नखरे को कैसे तुमने सम्भाला होगा, मेरे रोने पर जब तुमने लिटाया होगा गोद में शायद मेरी तरह तुमने भी, अपने मुँह में एक निवाला ही डाला होगा… जाने कैसे […]

साल जाते हैं,तो आते भी हैं। ग़र ये रोते हैं,तो गाते भी हैं॥ ग़म के सागर में डुबोया इनने, किन्तु अपने हैं,तो भाते भी हैं॥ वक्त में कुछ खटाई-सी भर के, अह़सास-ए-ज़िंदगी ये कराते भी हैं। ले के जाते हैं ग़र ख़ुशियाँ सारीं, तो ये सौगात नई,लाते तो हैं॥ झूमकर […]

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छोड़ो कल की बातें कल की बात  पुरानी, नए साल में लिख दें,आओ मिलकर नई कहानी। हम हिंदुस्तानी,हम हैं नूरानी॥ आज चुनौती खड़ी हुई हैं फाड़ के सीना, दंगल और फसाद में मुश्किल हुआ है जीना। अठारह का यह साल बनाएंगे  निराला, बाहर हो जाएगा जो सब होगा काला। नई […]

  अनाचार-अत्याचार की आंधियों से स्वार्थ और पशुता के ढेर में, मिटती मानवता,जागती नश्वरता में विवेक से संवेदना की लहरों का जब-जब होता है संघर्ष, दूध से नवनीत के विलोम-सा खुलता,चिंतन और मंथन का द्वार, दृश्य और दृष्टि की भिन्नता में शरीर से जुदा आत्मा का मार्गl        […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।