मेरी अर्धांगिनी के जन्मदिवस पर :- विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा अंतर्मन से जल तेरे नयनों से माँगा नभ के श्यामल बादलों ने तेरा सौंदर्य चुराया झील के सब शतदलों ने ध्वनित हो रहा नाम तेरा विस्तृत वसुधा के कण-कण से विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा […]