धधकने लगी हैं चमन ये फिजायें, कि ऐसे में हम मुस्कुराएँ तो कैसे! वतन जल रहा है पतन की अगन में, अगन ये पतन की बुझाएं तो कैसे! है अभिशाप जैसी हुई राजनीति, इस अभिशाप से मुक्ति पाएं तो कैसे! नही अब धरा पर भागीरथ भी कोई, धरा धार गंगा […]

कैसे दूँ शरण मैं निर्दोष मानव के हत्यारों को, कैसे मरने दूँ इनके हाथों देश के पहरेदारों को। आज जो शरण मांग रहे,कल वो अपना अधिकार मांगेंगे हमारी मातृभूमि पर,ये बँटवारा रुपी खंजर चलाएंगे,                                  […]

देशभक्त सारे आगे आओ, देश के दुश्मन को मार भगाओ। हम कद्र करते इंसान की, सह सकते नहीं कभी, जो समर्थक हो पाकिस्तान का। जो है गद्दार देश का, वो हमारा भाई नहीं, भारत माँ की संतानों से मेरी कोई लड़ाई नहीं। भगतसिंह के देश को तुम आज़ाद रहने दो, […]

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छोटा-सा ये निर्बल धागा,  न जाने कितने रिश्तों को बचाता है। कभी ले रूप राखी का, भाई को उनके कर्तव्य की याद दिलाता हैl कभी ले रूप मंगलसूत्र का, पति-पत्नी के पवित्र बंधन को दर्शाता है। छोटा-सा ये निर्बल धागा…ll कभी बनकर दोस्त ये, दोस्ती का वचन निभाता है। कभी यज्ञ […]

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लीला  लीलाधर  करता। माया  में  मानव  मरता॥ माया लीला महँ उलझा। लीला माया नहँ समझा॥ जानो लीलाधर अब तो। मानो  मायावर  अब तो॥ माया  लीलाकर  वश में। लीलाधर  माया  कश में॥ बोलो  लीलाधर जय हो। बोलो  मायावर जय  हो॥ माया  दासी  चरण खिले। लीला  कारी शरण मिले॥ छोड़ो सारा  भरम […]

आजुहि मोहे पिया मिलेंगे… बहुत दिनन की अँखियां प्यासी, निशदिन रहती रही उदासी। आज सुफल पीड़ा मन हाँसी, हरि पाई वृन्दावन वासी। मिलन उछाह भरा मन भोरे,अबहि प्रीत के सुमन खिलेंगे… आजुहि मोहे पिया मिलेंगे….। हरि जू मौसे कहे सुपन में, रीते घट ही रहे जुबन में। भरम पाल बैठे […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।