विचार मन में सच्चे सही होना चाहिए, रास्ते भले ही कठिन हों चलना चाहिए। मन के विचार हमेशा चंचल, चलायमान होते हैं, कभी पहाड़ की चोटी पर, कभी चाँद की सैर करने चले जाते हैं। हवा के झोंकों की तरह कभी, भी कहीं भी चले जाते हैं, नदी-समुन्दर यूं चुटकी […]

कुछ लोगों ने धन को लूटा और हमें  कंगाल किया। कुछ लोगों ने तन को लूटा,लावारिस-बेहाल किया॥ लूटपाट का खेल यहाँ चलता आया है  वर्षों से। कभी गैर ने कभी सगों ने,बद से बदतर हाल किया॥                             […]

हर  गुत्थी  को  सुलझा  देता  वक्त, कभी  रूला  कभी हंसा  देता  वक्त। बुलंदियों पर जो करता गरूर बशर, पल  में उठा-पल में  गिरा देता वक्त। साहिर इसके जैसा  नहीं जमाने  में, बनी बिगाड़,बिगड़ी बना  देता वक्त। हम सरीखे शागिर्द का सख्त उस्ताद, लेता है इम्तिहान  सिखा  देता वक्त। ‘दिनेश’ करें […]

माँ की गोद में सोइए,माँ है सुख की छाँव। चरण पिता के छूइए,जिनके छाले वाले पाँव॥ माँ घर की लक्ष्मी,भरा रखे वो भण्डार। पिता घर के कुबेर,हमारे हैं वो कर्मधार॥ माँ फूलों की बगिया,महकाए हर क्यारी। अपने बच्चों की हर अला-बला उसने अपने ऊपर वारी॥ अपनी दुःख तखलीफ़ को सबसे […]

कोहरे की चादर तान कर रात सितारों ने बिताई चाँदनी शब भर, शीत से ठिठुरती रही। देख अपने मित्र चाँद की बेबसी रवि ने झट प्राची से, उष्मित सिंदूरी आँचल डाल दिया। धीरे-धीरे फिर आँच देती अपनी असीमित बाहुपाश किरणों से, कोहरे की चादर समेटने लगा। सूरज के बाहुपाश में […]

रावण नहीं राम बनिए, चरित्र के धनी बनिए। मधुर व्यवहार हमेशा करिए, विकारों से मुक्त रहिए। मर्यादा को धारण करिए, सदैव अच्छा आचरण करिए। सदा दूसरों का दुख हरिए, खुश रहिए,खुश करिए। राजयोग का पालन करिए, मनुष्य से देवता बनिए। जीवन अपना सफल करिए॥             […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।