तरुण रहोगे सबके मन में तुम शाश्वत अमरत्व रूप ! धर्म ध्वजा फहरेगी यूं हीं खिल रहेगा रंग अनूप ! तुमने सबको समझाया है जीवन कैसे जीना है ! जिनवर की वाणी के रस को कैसे निश दिन पीना है ! तरुण चले तुम आज छोड़ कर बीच भंवर में […]

हम भी किससे दिल लगा कर बैठे है/ जो ज़माने से डर कर घर मैं बैठे है/ मोहब्बत की बाते दिन रात करते थे वो / जब मुलाक़ात का वक़्त आया, तो डर के बैठे है// डर-डर के मोहब्बत तो, हमने शुरु की थी/ वो ना जाने आज दिल में, […]

है न बिल्कुल अटपटा काम, विचित्र-सा। सैकड़ों लोगों के निधन की खबरें लिखने वाला अदद पत्रकार आज के दौर में क्यों भयाक्रांत है, या कहें पत्रकारिता क्यों अपना स्तर खोते जा रही है, इन सभी सवालों के मूल में समाज तत्व से सरोकार की भावना और चिंतन का गौण होना […]

चेहरा भूल जाओगे तो शिकायत नहीं करेंगे/ नाम भूल जाओगे तो गिला नहीं करेंगे/ और मेरे दोस्त दोस्ती कि कसम है तुझे / जो दोस्ती भूल जाओगे तो कभी माफ़ नहीं करेंगे / ख़ुशी से दिल आबाद करना मेरे दोस्त / और गम को दिल से आज़ाद करना / हमारी […]

इंसानियत से प्यार जब दीन-ओ-जान हो जायेगा मुज़्तरिब हाल में हाथ थामना ईमान हो जायेगा रस्म है, ज़िंदगी करवटें बदलती रही इब्तिदा से शिद्दत से जिया जो मालिक मेहरबान हो जायेगा ख़ुदसे मुलाक़ात कीजिये रोज़ाना आईने के रूबरू बिख़र गया चकाचौंध में फिर इंसान हो जायेगा हो गया ख़ामोश गिर […]

बेटियो कि मत करो, लोगो अब उपेक्षा / परिवार कि जान,शान, होती है बेटियां  / घर में खुशाली लेकर, आती है बेटियां / संस्कारो के बीज, बोती है बेटियां / बेटा अगर हीरा है, तो मोती है बेटियां / नरम गरम स्वभाव कि, होती है बेटियां / हर कार्य में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।