जो तुमको बुरा कहे, उसका स्वागत करो यार… केवल बुरा वह हुआ, मैंने तो किया प्यार… उसके मन में आई बुराई, फिर जबान गन्दी करवाई… जब मुझ पर हुआ उसका वार, अस्वीकार किया हर प्रहार… उसकी स्थिति बिगड़ती गई, मेरी हालत नहीं बदली भाई… वह क्रोध से लाल हुआ, जिसने […]

न खेती है,न बाड़ी है,न घर है। फिर भी देखो कितना महंगा वर है॥ मन में उमंग नहीं,जीने का ढंग नहीं। जीवन के सागर में एक भी तरंग नहीं॥ सभ्यता-संस्कार नहीं,सोच में निखार नहीं। आपस में प्यार नहीं,शिक्षित परिवार नहीं॥ काला अक्षर भैंस बराबर है। फिर भी देखो कितना महंगा […]

हो गए इतने मशगूल कि फूल गए हो तुम, अंधे माँ-बाप का दर्द भूल गए हो तुम। पत्नी से पूछते हो-शाम को कहाँ चलना है, माँ-बाप के दो समय के खाने का वक्त भूल गए हो तुम…। हो गए इतने मशगूल…॥ बांध आए जिन्हें तुम वृद्धाश्रम के खूंटे से, एक […]

शिव-शिव कह उठ हर सुबह, सुमिर शिवा सो रात। हर बिगड़ी को ले बना, कर न बात बेबात। समय-शिला पर दे बना, कोशिश के नव चित्र। समय-रेत से ले बना, नया घरौंदा मित्र। मिला आँख से आँख तू, समय सुनेगा बात। हर बिगड़ी को ले बना, कर न बात बेबात। […]

  मकर सक्रांति का यह त्यौहार, लोहड़ी पोंगल उत्सव घर-द्वार। सूरज देव उत्तरायण को तैयार, सब मिल करते सूर्य नमस्कार॥ भास्कर देवता जग के आधार, सुख-समृद्धि की करते बौछार। खेतों में पीली सरसों की बहार, खुशियाँ मिलती सबको अपार॥ दान पुण्य स्नान का है त्योहार, दानी करते गरीबों पर उपकार। […]

एक पक्ष भाव से,लिखा नहीं सु ग्रंथ को, धर्म-कर्म  से अभी,रखा नया सुपंथ को। सस्य श्यामला बने,धरा प्रकीर्ति गुंज से, पाप ताप है मिटे विराट अग्निकुञ्ज से॥ देश काल मान का,समृद्ध सार अंक है, हार-जीत जो हुआ,समस्त तार अंक है। नित्य गंध व्याप्त हो,सनेह पुष्प कुंज से, शुद्धता बने रखे,विराट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।