आसमाँ से जो उतर आई धरा पर, सूर्य की पहली किरण का तेज हो तुम। बादलों की गोद से जो बून्द सागर में गिरी, सीप से निकला हुआ मोती हो तुम॥ और जब बहारें झूम के आई चमन में, गुल भी हो कांटा भी हो,शबनम भी तुम। विश्व के […]

पिता,बेटे के होंठों पर मुस्कान करते हैं, मुश्किलें सारी आसान करते हैं। पिता होते है भगवान स्वरूप, जिसपे हम अभिमान करते हैं। मौजूदगी से महकता है घर-आंगन, पिता का हम गुणगान करते हैं। पिता की मेहनत से बनते हैं हम काबिल, पिता के दम से ही हम नाम करते हैं। […]

तुम पतंग मैं धागा, भाग्यवान तुम मैं अभागा, कर्तव्य निभाया दृढ़ता से तुमने, मैं भागा तुम पतंग, मैं धागा। अपनी निष्ठा शिष्टाचार से, अपने सुलझे विचार से, अपनों के सहे वार से, अपने सुंदर परिवार से भूखा न जाने दिया द्वार से, इन्हीं सद्कर्मों की वजह से आपको काट,कोई धागे […]

जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नहीं करता…।  मैं बातें अपनी हद से, ज्यादा नहीं करता…॥    तमन्ना रखता हूं,  आसमान छू लेने की…।  लेकिन औरों को गिराने का,  कभी इरादा नहीं रखता…॥    जीवन के हर मोड़ पर,  सुनहरी यादों को रहने दो।  जुबां पर हर वक्त,मिठास रहने दो,  […]

एक मृदुल वायु का झोंका मुझे इस कदर छूकर निकल गया, कि मेरा ध्यान एकाएक वहीं स्तब्ध रह गया, मेरे रूह को इतना प्यारा अनुभव पहली दफा हुआ था, जो बरबस ही सोचने पर मजबूर कर दिया, कि वह जादू भरी पवन मेरे जेहन में किसका एहसास दिलाने का प्रयास […]

राम का वनवास, सीता का हरण आज रावण कर रहा है, निडर सड़कों पर भ्रमण। बस चुकी है कुछ घरों में, लछमिनी की संपदा अवगुणों के संग सोती, पक्ष की हर प्रतिपदा। सूर्य-चंदा की तरह अब, इस धरा पर है ग्रहण॥ शब्द की बंदूक में है, कारतूसों की कमी कथ्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।