उप शीर्षक-श्रेष्ठ साहित्य सृजन करने वालों का हुआ सम्मान   अकोलाl बाल साहित्य का सृजन समय की आवश्यकता और भावी पीढ़ी के भविष्य को संवारने वाला होना चाहिए। खास बात यह है कि जिनके लिए साहित्य लिखा जा रहा है,उन तक यह साहित्य पहुँचना बहुत जरुरी है। बाल साहित्य को […]

मुंबई l जापान के हिंदी तथा पंजाबी,बांग्ला,सिंधी आदि भारतीय भाषाओं के विद्वान तथा ओसाका विश्वविद्यालय (जापान) के पूर्व प्राध्यापक डॉ.तोमिओ मिजोकामी ने बैंक ऑफ बड़ौदा के मुंबई स्थित प्रशासकीय कार्यालय में `भारत-जापान के आर्थिक एवं सांस्कृतिक इतिहास तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य` विषय पर हिंदी में ९० मिनिट व्याख्यान दिया। भारत-जापान के […]

#हिन्दी के शोधार्थी,भाषासारथी,लेखक आदि प्रतिभाओं का हुआ सम्मान #रंगारंग हिंदी-कश्मीरी प्रस्तुतियों से लुभाया विद्यार्थियों ने  श्रीनगर। घाटी में हिन्दी के विकास व विस्तार के लिए कार्यरत संस्था ‘वादीज़ हिंदी शिक्षा समिति’ (पंजी.) श्रीनगर ने  ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ (पंजी.) इंदौर व ‘आकाशवाणी केंद्र श्रीनगर’ के साथ मिलकर बुधवार को टैगोर हॉल […]

मुंबई l राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री महोदय, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रीगणों सहित सांसदों,नेता प्रतिपक्ष आदि को भी एक खुला पात्र लिखा गया है। इसका विषय-शिक्षा को अंग्रेजी माध्यम के बोझ से मुक्त करने एवं परिवेश की बोली-भाषाओं में केजी से पीजी-पीएच़डी तक समान-सार्थक औपचारिक शिक्षा व्यवस्था,कानून-न्याय व्यवस्था और रोजगार व्यवस्था […]

मुम्बई। डॉ.तोमियो मिजोकामी २ दिसम्बर को मुम्बई स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यालय के सभागृह में ‘भारत-जापान आर्थिक एवं सांस्कृतिक सम्बंध’ विषय पर हिंदी में ९० मिनिट व्याख्यान देंगे। इसके अलावा हिंदुस्तानी प्रचार सभा में भी इनका व्याख्यान रखा गया है। वे मुम्बई से ४ दिसम्बर की सुबह अमृतसर के […]

शैक्षणिक सत्र अक्टूबर से प्रारंभ होने के कारण भारतीय दूतावास के सौजन्य से इंडोलॉजी विभाग द्वारा हिंदी दिवस कार्यक्रम १७ नवंबर को संपन्न हुआ। शुभारंभ माँ सरस्वती को संदीप कुमार(भारतीय राजदूत),प्रो.व्लाहोविच स्तेतिच(अधिष्ठाता मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान),डॉ. इवान आंद्रियानिच(अध्यक्ष भारत विद्या विभाग)आदि के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कु. मारिया षिमग ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।