समय का स्वर्णिम रथ चलता है, परिवर्तन के पथ पर  दौड़ता है। समय किसी के लिए नहीं रुकता है, निर्भय निर्बाध गति से चलता है। समय किसी के सामने नहीं झुकता है, अपना मस्तक ऊँचा लिए चलता है। समय का नहीं जानता जो अर्थ, समय उसको कर देता है व्यर्थ। […]

होली पर्व रंगों का त्योहार है पिचकारी पानी की फुहार है अबीर गुलाल गली बाजार है मस्तानो  की टोली घर द्वार है हिरण्य कश्यप  का अभिमान है होलिका अग्नि दहन कुर्बान है प्रहलाद की प्रभुभक्ति महान है श्रद्धा व विश्वास का सम्मान है अग्नि देव का आदर सत्कार है वायु […]

  मकर सक्रांति का यह त्यौहार, लोहड़ी पोंगल उत्सव घर-द्वार। सूरज देव उत्तरायण को तैयार, सब मिल करते सूर्य नमस्कार॥ भास्कर देवता जग के आधार, सुख-समृद्धि की करते बौछार। खेतों में पीली सरसों की बहार, खुशियाँ मिलती सबको अपार॥ दान पुण्य स्नान का है त्योहार, दानी करते गरीबों पर उपकार। […]

बाईस जुलाई उन्नीस सौ सैंतालिस काे, ऐतिहासिक मंगलमय शुभ दिन आया। संविधान सभा ने तिरंगे को अपनाया, यही भारत का राष्ट्रीय ध्वज कहलाया॥ तीन रंगों का तिरंगा ध्वज बनाकर, बीच बनाया प्यारा नीला अशोक चक्र। लाल किले पर तिरंगा ध्वज फहराकर, आजाद हुआ प्यारा भारत देश हमारा॥ केसरिया रंग प्यारी […]

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सागर में चाहें आए तूफान, तब भी जीवन कीं नैया.. पार कर लूँगा मैं, आपके साथ पाताल से, गगन तक छा जाऊंगा मैं। कुछ ऐसा कर दूँगा मैं, मेरी याद न मिटे.. चाहे फूल जंगल का हो, सुवास भर दूँगा मैं रेखाओं से बनाया है, महल स्वप्नों का.. यदि नसीब […]

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मैं देश नहीं रुकने दूँगा, मैं देश नहीं झुकने दूँगा। आए जीवन में गर मुश्किल, पर मैं मुश्किल नहीं टिकने दूँगा । मैं देश नहीं रुकने दूँगा, मैं देश नहीं झुकने दूँगा। इस तृण हरित रुधिर की भूमि पर, कईयों ने अपना रक्त बहाया है। हिन्दू,मुस्लिम,सिख, ईसाई, सबने ही रुधिर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।