भारतीय जीवन में परिवार का तात्पर्य विवाहित-युगल और उनके बच्चों भर से नहीं होता। पति-पत्नी के युग्म से जिस ‘दम्पती’ नामक एकीकृत रूप की निर्मित्ति होती है, उसके साथ ही कुटुंब के घनिष्ठ लोगों को समवेत् रूप में एक इकाई मान परिवार की संज्ञा से अभिहित किया जाता है। उदात्त […]

प्रशिक्षण कालेज के पहले ही दिन मेरा सामना कालेज की एक प्यारी सी लड़की से हुआ, मुझे भविष्य के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था कि कभी हम इस ठाकुराइन से इतना प्यार करने लगेंगे की जान भी दे सकते हैं। बात करने की हिम्मत तो कभी होती नहीं […]

वजन किसी का बढ़ जाए,, या मोटा कोई हो जाए,,, जिंदगी जी लो जी भर के,, चाहे मोटापा कितना आए,, यहां पतले लोग हमेशा से,, मोटे लोगों से चिढ़ते आए,, खुद तो मोटा होना पाए,, मोटो को मोटा कहते आए,, मोटे लोगों का सदा,,, विशेष अभिवादन होता है,, मोटा पेट […]

उड़ानें ख़्वाब में हम भी बहुत ऊँची लगाते हैं मगर खुलती हैं जब आँखें तो वापस लौट आते हैं। यहाँ तो फूल गोभी ही अभी तक ला न पाया मैं न जाने लोग कैसे चाँद तारे तोड़ लाते हैं। टिकी हैं बाज की नजरें हमारी साग भाजी पर जहाँ सब […]

अच्छे कर्म जिसने किए जीवन के पल सुखमय जिए तनाव कभी पास नही आता शांति प्रिय ही उनको भाता मुख पर तेज उन्ही के रहता राजी खुशी सदा वह रहता आत्म सन्तोष की कमी नही प्रभु आसक्ति नित बढ़ती नई सांसारिक द्रष्टा वह कहलाता मोह माया से दूर हो जाता […]

मुझ पर तानें कस रहा है वो, मेरे जख्मों पर हंस रहा है वो, गुरुर  की  नाव  में  सवार  होकर  चला था, अब बीच मझधार में आकर फंस रहा है वो, बड़ा   होकर   बदल   जायेगा, ये  भरम  था  मेरा, आसमां में उड़ने की जगह जमीं में धंस रहा है वो, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।