आये दिन दंगे की खबर सुन आत्मा कांप जाती है। हम किसके लिये और क्यों आपस में लड़ कट रहे हैं। काश कोई मेरे सवाल का जवाब दे देता ये कैसी दहशतगर्दी है यारों फैला रहा कौन वैमनस्यता दिशा चारों जात पात की चल रही क्यो लड़ाई दुश्मन हो चला […]
काव्यभाषा
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