जिंदगी में तमन्नाएं बहुत है, पर इरादे नेक नहीं। यदि होते इरादे नेक तो, क्यों भटकता यहां वहां। इसलिए कहता जैन मद, खुद जियो औरों को भी जीने दो। यही भावनाएं भाते रहो, और खुद जिंदगी को सार्थक करो।। मिला है मानव जन्म तो इसे समझो , क्योकि ये मिला […]
*मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नवोदय क्रांति ने भेजे सुझाव* मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का ड्राफ्ट जारी करके सुझाव आमंत्रित किये गए। यह शिक्षा नीति आने वाले समय में भारत की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने का कार्य करेगी। लेकिन बड़ी […]
*भारत माँ के नयन दो हिन्दू मुस्लिम जान। नहीं एक के बिना हो दूजे की पहचान* गोपाल दास नीरज हिन्दी साहित्यकार शिक्षक एवम कवि सम्मेलनों के मंचों का एक बड़ा नाम था। उन्हें शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने पदम् श्री व पदम् भूषण से […]
परमात्मा शिव की महिमा अपार भोलो में हो रहा उर्जा का संचार कदम से कदम बढ़ाए जा रहे है कंधो पर अपने कांवड़ ला रहे है श्रीमुख में है उनके बम बम भोले भले ही पड़े हो उनके पैरों में छाले होंसला उनमे बड़ा ही गजब है पैदल ही शिवालय […]
कवि होना नहीं है साधारण अपेक्षित हैं उसमें असाधारण विशेषताएं मात्र कवि होना ही बहुत बड़ी बात है लेकिन फिर भी आत्मश्लाघा के मारे लगते हैं नवाजने खुद को ही राष्ट्रीय कवि वरिष्ठ साहित्यकार के खिताबों से नाम के आगे-पीछे लगा लेते हैं ऐसे उपनाम जिन पर स्वयं नहीं उतरते […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।