वर्त्तमान समय की चमक दमक को देखकर अच्छे से अच्छे लोग भी इस कलयुग में बहा जाते है / जब की उन्हें सही गलत का अंदाजा भी नहीं होता की वो क्या कर रहे है, और इसके क्या परिणाम आगे समाने आने वाले है / हर मां  और बाप अपने […]

  *इस भारतभूमि के अंचल में समय-समय पर ऐसे नरपुंगव पैदा हुए हैं जिनके विचारों ने न केवल भारत अपितु संपूर्ण विश्व को प्रेरणा प्रदान की।12 जनवरी सन् 1863 ई. की पौष संक्रांति पर कलकत्ते के सिमुलिया पल्ली में माँ भुवनेश्वरी की कोख से ऐसे ही एक नवरत्न ने जन्म […]

क्या महागठबंधन तय करेगा देश की दिशा? आज कल देश के सभी छोटे बड़े टेलीविज़न चैनलों पर हो हल्ला होता हुआ दिखायी दे रहा है जोकि चुनावी मौसम के अनुसार आम बात है। क्योंकि, देश का वातावरण चुनावी मौसम में परिवर्तित हो रहा है। लगभग देश की सभी छोटी बड़ी […]

ढोल-नगाड़ों की आवाज बता रही है कि विश्व हिंदी दिवस फिर आ गया है। ‘विदेशों में हिंदी’ ऐसे विषयों पर अनेक संगोष्ठियां होंगी। प्रवासी साहित्य की भी खूब चर्चा होगी। ‘विदेशों में हिंदी’ विषय पर आयोजित ज्यादातर कार्यकर्मों और संगोष्ठियों में प्रबुद्ध विद्वान वक्ता बड़ी ही खूबसूरती से ऐसे आंकड़े […]

लोकसभा ने कल एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दे पर विधेयक पारित कर दिया। इस नागरिकता विधेयक का मूल उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता देना है। अर्थात इन देशों का यदि कोई भी नागरिक हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, यहूदी हो और वह आकर भारत […]

सच सोचनीय विषय है,जब हिंदुस्तान में हिंदी का सम्मान नही तो और कही कैसे होगा? सर्वप्रथम हम सब को अपनी मातृ भाषा से प्रेम करना होगा। हर कोई अंग्रेजी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है, जब शिक्षा ही योग्य नही मिलेंगी, तो संस्कार और हिंदी का प्रचार और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।