आओ दोहा सीखलें,शारद माँ चितलाय। सीख छंद दोहा रचें,श्रेष्ठ सृजन हो जाय।। ग्यारह तेरह मात्रिका, दो चरणों में आय। चार चरण का छंद है,दोहा सुघड़ कहाय।।
प्रथम तीसरे चरण में,तेरह मात्रा आय। दूजे चौथे में गिनो, ये ग्यारह रह जाय।।
चौबिस मात्रिक छंद है,कुलअड़तालिस होय। सुन्दर दोहे […]