शीश भानु धारणं नमामि कृष्ण साधकं जटा गंग धारणं कपाल नेत्र धारणं अंग भस्म शोभतम छाल वस्त्र धारणं डमरू नाद शोभिते नटराज नृत्य कर्त्यं हस्त शूल धारणं भुजा भुजंग शोभिते रुद्रमाल गले धारणं विषपान त्वं करोति त्रिनेत्र लाल ज्योति श्मशान रमणं करोति बृषभ त्वं सेवकं गणेश त्वं सुताय कार्तिकेय त्वं […]

१)महिना सावन आ गया, रिमझिम है चहुँ ओर। पेड़ों पर फल लद गये, नाचे वन में मोर।। २)छाता साजन ले गये, भीगे मन के तार। तडप रहा पूरा बदन, मन में उठे हुलार।। ३)देख घटा बढ़ने लगी, पिया मिलन की प्यास। बैठ गयी सज-सँवर के ,सजनी पी के पास।। ४)रिमझिम […]

रोता अंबर भी आज व्यथित हो धरती पर छाया सन्नाटा कैसा। जो थे अटल स्वयं एक रक्षक। सोते हैं आज धरती की गोदी में। होनहार थे जन्म से ही वो शिक्षा में भी उन्नत थे। सेवा की सदियों से देश की, परिवार के बंधन से विमुख थे। लड़े लड़ाई देश […]

 “रूक भी जाओ अब कि मेरा सब्र भी चुकने लगा दिल का लोहू अश्क बनकर आंख से ढलने लगा। चूड़ियों के साथ मैंने ले लिया हथियार भी हर गली, हर मोड़ पर शैतान जब मिलने लगा। बनके माली जब से तुमने फूलों को मसला किया आदमी के जंगलों में दम […]

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सात फेरे सात वचन, शुरू हुआ विवाह बंधन, रस्मो-रिवाज का ये संगम। खत्म हुई आजादी मिट गया स्वतन्त्र अधिकार, जाने कैसे ,किन बेड़ी में बंध गया घर परिवार। विवाह है बंधन प्रीत का, न कि कैद का। सोचो,समझो रीत को, दो जीने की आजादी अपने मीत को। बंधे हो प्रीत […]

कृष्णा बन सांवरे तुम तन में समा जाना। बन मुरलीधर प्रेम  की धुन तुम बजानाll      प्राणों के प्राणनाथ हो तुम  अपनी दासी मुझे बनाना। बस जाना रूह में मेरी ऐसे दो बदन एक जान हो जैसेll      अधर बेचैन हैं मेरे,अपने नाम का  अमृत पान तुम करवा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।