धरा रही बंगाल की, सब हिंसात्मक होय। शासन देखे टुकुर टुकुर,लोकतंत्र की हत्या होय।। लोकतंत्र की लाज अब, बचना है मुश्किल। सब अपनी मनमानी करे,जन मन को भूल।। लोकतंत्र में सभी का, संम्पूर्ण योगदान। सब मिल रक्षा करें,तभी रहेगा मान।। लोकतंत्र का आया पर्व, मनाओ हर्षोउल्लास। भाईचारे बचाये राखीयो, उलझियो […]

हिंसा की आग में कैसी यह सोच तोड़कर पूर्वजों की मूर्तियां जता रहे अफसोस। —————- नफरतों के दौर इतने न बढ़ने पाए सलामत रहे जिन्दगी दुआ सलाम फरमाए। ——————- जीवन के कालचक्र सभी को उलझाए आसमान में उड़ने वाले एक दिन जमी पर आए । ——————- सब दिन न रहे […]

जन-मानस के पटल पर राष्ट्रवाद छा गया नये भारत के सपनो को पूरा करने आ गया। ————————- वोट की चोट से आत्मबल और जोश से चमक रहा भारतवर्ष विश्व पटल पर छा गया। —————————— राष्ट्रभक्त है फैले यहाँ आतंक परास्त हुआ कड़वे बोल बोलने वालो का जमानत भी जब्त हुआ। […]

——————- देखो नये जमाने की शान डिजिटल के ही नाम अंगूलियाँ दौड रही स्क्रीन है जान तार लटके है कान । ————————— जमाने का संगत पाकर बच्चो में अक्ल की अकड़ स्क्रीन टच के संग आँखो पर चश्मा की पकड़। ——————————– किताब कापी नहीं अच्छी सब डिजिटल के नाम पर […]

——————— अपार जीत राष्ट्र की विशाल लोकतंत्र की जन-जन में विश्वास की कमल फिर खिल गया अपार बहुमत मिल गया बडी जीत मिल गया। ————————– जीत बड़ी अंतराल की जिम्मेदारीयों से भरी हुई जन-जन आकांक्षा सवार है यह प्रजातंत्र का अधिकार है यह जीत महान है जीत महान है। ———————————– […]

संस्कृति की जन्भदात्री है, यह हमारा देश। अलग-अलग धर्म है,तनिक भी नहीं द्वेष।। ऋषि मुनि गुरूजन का , संस्कृत था प्राण। रचते-रचते रच दिए,कितने ही वेद-पुराण।। धरा रही दानवों की,भूल गयी संस्कृति। हिंसात्मक न सोच हो, ना फैलेगी विकृति।। संस्कृत से समाज का,कालान्तर से उद्धार। नित-दिन उजागर हो,सभ्यता का द्वार।। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।