१)महिना सावन आ गया, रिमझिम है चहुँ ओर। पेड़ों पर फल लद गये, नाचे वन में मोर।। २)छाता साजन ले गये, भीगे मन के तार। तडप रहा पूरा बदन, मन में उठे हुलार।। ३)देख घटा बढ़ने लगी, पिया मिलन की प्यास। बैठ गयी सज-सँवर के ,सजनी पी के पास।। ४)रिमझिम […]
काव्यभाषा
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