१)महिना सावन आ गया, रिमझिम है चहुँ ओर। पेड़ों पर फल लद गये, नाचे वन में मोर।। २)छाता साजन ले गये, भीगे मन के तार। तडप रहा पूरा बदन, मन में उठे हुलार।। ३)देख घटा बढ़ने लगी, पिया मिलन की प्यास। बैठ गयी सज-सँवर के ,सजनी पी के पास।। ४)रिमझिम […]

जब हम पूरी निष्ठा से काम करते हैं सुकून सा मिलता है दिल को अगर कोई कोर कसर रह जाए तो एक टीस सी उठती है दिल में प्रसन्नता तब होती है जब वह कार्य सराहा जाए लोगों के द्वारा निखार आ जाता है अपने आप मन में प्रफुल्लित हो […]

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पुन: स्मरण करें आज कैसे देश श्मशान हुआ था पंख काटकर सोन-चिरैया के स्वतंत्रता का गान हुआ था बलिदानी शव बने थे सीढ़ी लगाम थामना आसान हुआ था सूरज उगते बदला नहीं दिनांक बीच रात स्वामी गुणगान हुआ था पुन: स्मरण करें आज . . . . . नर्म गद्दों […]

कितना भाग्यशाली था आदिमानव तब न कोई अगङा था न कोई पिछङा था हिन्दू-मुसलमान का न कोई झगङा था छूत-अछूत का न कोई मसला था अभावग्रस्त जीवन चाहे लाख मजबूर था पर धरने-प्रदर्शनों से कोसों दूर था कन्या भ्रूण-हत्या का पाप नहीं था किसी ईश्वर-अल्लाह का जाप नहीं था न […]

क़त्ल कीजिए और हँसिए ज़रा इस हसीन शहर में बसिए ज़रा बाँहों में कैद दरिया तो घुट गया अब दो बूँद पानी को तरसिए ज़रा बेवक़्त बरसात होके दूजों तबाह किया कभी अपने आँगन में भी बरसिए ज़रा सुना बहुत ख़ौफ़ में ज़माने में आपका फिर तबियत से खुद पे […]

मेरा चांद बहुत शर्मीला है ,   चांद रातों को भी दीदार नहीं होते । जो आ जाता तू एक बार आसमां में,     हर शब हम यूं बीमार नहीं होते ।।  तेरे इश्क की चांदनी में डूबे हैं,   अंधियारी रात के शिकार नहीं होते।  लुका छिपी तेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।