वो लोग बहुत याद आते हैं जो दिलो में जगह बनाते हैं वार्ना सिकन्दर सरीखे भी दुनिया मे भुला दिए जाते हैं जो अपने अल्फाजो में दर्द उकेरते हैं परायो का जो अपनी मुठ्ठिया भर उलीचते हैं खुशियां किसी के आँगन में चुपके ही से निःस्वार्थ प्रीत का पौधा उगाते […]
काव्यभाषा
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