उम्र के बदलाव से कभी ना बदले राखी का त्यौहार। छोटी थी जब बहन,तो रक्षाबंधन पर सुबह से तैयार।। पढ़ते समय भाई बहन में और बढ़ता जाता प्यार। बहन की रक्षा करने को भाई किसी भी समय तैयार।। समय बीतने पर जब शादी कर बहन की विदाई का समय आता। […]

बहुत झगड़ालू होती हैं औरतें जब देखो तब झगड़ती हैं मेरी पत्नी मुझसे अक्सर झगड़ती है जब मैं बाजार से समोसे,कचोरी और आलू की टिक्की ले आता हूँ कितनी निष्ठुर है, उससे परांठे मांगता हूँ,तली हुई चिप्स और साथ में भुजिया मांगता हूँ तो मना कर देती है अक्सर झगड़ती […]

सारे जग में सबसे सच्चा / होता भाई बहिन का प्यार / संजय भैया का है कहना / राखी बांधो प्यारी बहना../ सावन की मस्ती ली फुहार / मधुरिम संगीत सुनती है / मेघों की ढोल ताप पर / वसुंधरा बहुत मुस्काती है…/ आया सावन का जो महीना / राखी […]

दिन हो, रात हो अब युवा हिन्द के करते आराम नहीं समाज बदल रहा है युवा, व्याकुलता का अब काम नहीं भारत माता की वेदी पर निज प्राणों का उपहार लाये हैं शक्ति भुजा में, ज्ञान गौरव जगाने भारत के युवा आये हैं नित नए प्रयासों से समाज को आगे ले जा रहे है देखो युवा क्या क्या नये उद्यम ला रहे है बिन्नी के साथ ‘फ्लिपकार्ट’ आया देश में नया रोजगार लाया कुणाल और रोहित की ‘स्नैपडील’ कंस्यूमर को हो रहा गुड फील देश की बेटियाँ कहाँ पीछे रहीं राधिका की ‘शॉप-क्लूज़’ आ गयी हुनर नहीं बर्बाद होता अब तहखानों में जीवन रागनियाँ मचल रही नव-गानों में समझ चुके हैं बिना प्रयास पुरुषार्थ क्षय है आगे बढ़ चले अब, भारत माता की जय है तप्त मरु को हरित कर देने की आस लगाये हैं युवा सुख-सुविधाओं की नए परम्परा लाये है भाविश का ‘ओला’, समय से घर पहुँचता शशांक का ‘प्रैक्टो’ डॉक्टर से मिलवाता दीपिंदर का ‘जोमाटो’ खाना खिलवाता समर का ‘जुगनू’ ऑटोरिक्शा दिलवाता विजय का ‘पेटीऍम’ ट्रांजेक्शन की जान सौरभ, अलबिंदर का ‘ग्रोफर्स’ खरीदारों की शान शिरीष आपटे की जल प्रणाली देश के काम आ रही बीएस मुकुंद की ‘रीन्यूइट’ सस्ते कंप्यूटर बना रही बिनालक्ष्मी नेप्रम ‘वुमेन गन सर्वाइवर नेटवर्क’ चला रहीं सची सिंह रेलवे स्टेशन पर लावारिसों को राह दिखा रहीं प्रीति गाँधी की मोबाइल लाइब्रेरी सबको ज्ञान बाँट रही डॉ. बोडवाला की ‘वन-चाइल्ड-वन-लाइट’ जीवन में जान डाल रही जादव पायेंग “फॉरेस्ट मॅन ऑफ इंडिया” जूझा अकेला आज १३६० एकड़ में ‘मोलाई’ का जंगल फैला […]

   ऐतबार नहीं करता दिल मेरा,  दुनियादारी की बातों में ।   खुली आंखों से ख़्वाब देखता,   तारे गिनता ये रातों में ।।  रस्मों रिवाज़ की दीवारें क्यों,   दुनिया ने उठायी है ।  प्रेमनगर में दिल के मेरे ,   किसने हलचल मचायी है ।।  आसमान भी सूना […]

सिमट रही थी तेरे आगोश में प्यार पाने को मगर तेरी जुस्तजू तो कोई और थी निगाहे मिलाने से कशिश नहीं आती और दूर जाने से रौनके नहीं मिट जाती हमने प्यार में धोखा खाया जिसे समझा अपना उसे गैर पाया जिसको समझ रहे थे नाकारा उसे तो तुमने सर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।