21 नए कहानीकार होंगे सुस्थापित! इंदौर। भाषा-संशय-शोधन एवं हिन्दी-व्याकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव एवं आईटीबीपी में उप सेनानी कमलेश कमल द्वारा साहित्य के नव-पल्लव कहानीकारों को आगे लाने का एक अभिनव प्रयास किया जा रहा है। ‘कमल की कलम’ के माध्यम […]

इंदौर | हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने राष्ट्रीय महासचिव के दायित्व पर संस्कारधानी, जबलपुर निवासी कमलेश कमल को नियुक्त किया। श्री कमलेश कमल पुलिस विभाग में उप सेनानी, आईटीबीपी (जबलपुर) के दायित्व पर कार्य करने […]

सत्ता की भूख से हर दल है बेहाल राजनीति मे छा गए अब सत्ता के दलाल संविधान के रक्षक ही भक्षक बन गए है राजनीतिक स्वार्थ को सिद्धान्त बोने हो गए है भला हो न्यायालय का संविधान बचा रहा है अवकाश में भी सुनवाई कर लोकतंत्र बचा रहा है जिसने […]

लाल रंग :- लाल रंग का संकेत है- रुकिए , आगे खतरा है |अन्य रंगों की अपेक्षा यह रंग बहुत ही ज्यादा गाढ़ा होता है जो दूर से ही दिखने लगता है और हमारी आँखों (रेटिना) पर ज्यादा प्रभाव छोड़ता है | पीला रंग :- पीला रंग संकेत देता है- […]

ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे हैं।हम सरीख़े भी बेसहारे हैं। मिले मुक़म्मल जहाँ तलाश ये, है आरज़ू कि फिरते मारे हैं। * न आब है तलाश दाने की,ये आदमी तो बेसहारा है। ज़ख्म सिले न ख़रोंच देता जो, कहें भी कैसे वो हमारा है। ज़ुनून ले कर चला है,नज़र फ़लक पे,तोड़ना […]

भारतीय संविधान दिवस पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर संविधान की रक्षा करते हुए महाराष्ट्र में सत्ता के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त रोकने के लिए 27 नवम्बर को शाम पांच बजे विधानसभा में प्रिटेम स्पीकर से ही विधायकों की शपथ कराकर फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दिये है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।