राह में जो सुना मन में चलता रहा । सब खयालों को भी वह निगलता रहा । ये है उसकी कथा जिसने सब कुछ किया । हाथ फिर भी वो खाली ही मलता रहा । सबके छल छद्म सारे धरे रह गये । चाहा सबने रुके, फिर भी चलता रहा […]

अपने आप मे खुश रहे।  दूसरो को भी खुशी दे। मूल मंत्र है जीवन का खुद जिये और को भी जीने दे।। न चादर बड़ी कीजिये, न ख्वाहिशें दफन कीजिये। चार दिन की ज़िन्दगी है । बस चैन से बसर कीजिये…।। न परेशान किसी को कीजिये । न हैरान किसी […]

कैसे भूलू में, बचपन अपना । दिल दरिया और ,समुंदर जैसा। याद जब भी आये वो पुरानी / दिल खिल जाता है बस मेरा / और अतीत में खो जाता हूँ  / कैसे भूलू में, बचपन अपना// क्या कहूं उस, स्वर्ण काल को। जहां सब अपने, बनकर रहते थे। दुख […]

मेरे घर आई एक, नन्ही सी परी / साथ ही खुशियां भी लाई, वो घर में अनेक / मेरे घर आई एक, नन्ही सी परी  // दादा दादी की, वो लाडली है / नाना नानी की भी, वो दुलारी है / मम्मी पापा की, तो वो जान है / हल्का […]

दिल मेरा धड़कता है । आवाज़ एक हीआती है।  नाम तेरा धड़कने सुनाई है। जो दिल को बहुत भाती है।। तेरे नाम की गूंज से । दिल मे फूल खिलते है। मुरझाये हुए चेहरे पर । हंसी के कमल खिलते है। क्योकि धड़कनों में तुम जो आते हो।।  तुम न […]

पत्तों सी होती है, रिश्तों की उम्र…! आज हरे……कल सूखे। क्यों न हम, जड़ों से सीखें,रिश्ते निभाना..!! जो दिल की, बात सुनते है। उन्ही के ह्रदय में, रिश्ते वास्ते है। रिश्ते क्या होते है, ये तो वो ही, समझते है। जिनके अपने होते है।। जमाना चाहे, कुछ भी कहे, उसे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।