~ १ ~ द्रोण सरीखे गुरु बनो,भली निभाओ रीत। नहीं अँगूठा माँगना, एकलव्य से मीत।। ~ २ ~ एकलव्य की बात से, धूमिल द्रोण समाज। कारण जो भी थे रहे, बहस न करिए आज।। ~ ३ ~ परशुराम से गुरु बनो, विद्यावान प्रचंड। कीर्ति सदा भू पर रहे, हरिसन तजे […]

चार चरण, २,२ चरण समतुकांत . सगण सगण सगण गुरु, . (१०वर्ण) . ११२ ११२ ११२ २ . 👀👀 . चाहत धरती अपनी जननी है। शशि से उजली रजनी है। सविता तम को हरता है। रचना जग की करता है। रखती सबसे अपनापा। सहती जग के भव तापा। अपनी जननी […]

जय दधीचि , भारतीय संस्कृति उत्सवों और महोत्सवों की संस्कृति है। पुनीत पावन पूजनीय यह भारत की भूमि है। ये अवतारों की भूमि है ये भूमि संस्कारो की भूमि है, सारी देव सत्ता अनेकों रूपो में यहा पर विद्यमान है भारत भूमि पर जन्म लेना ही इस बात का प्रमाण […]

कंस राज में जब बढ़े, पापी अत्याचार। द्वापर में भगवान ने, लिया कृष्ण अवतार।। उग्रसेन सुत कंस ने, छीन पिता का राज। बहिन देवकी पतिसहित,करे कैद बिनकाज। जन्मत कारागार में, बालक वधे अनेक। लगता था उस कंस को, काल बाल प्रत्येक।। भादव रजनी अष्टमी, लिया ईश अवतार। हरि माया से […]

भाव सुरक्षा चाहती, बहिना रहे अधीर। बदले गुरु आशीष दे, रहे सलामत बीर।। (बीर~भाई) त्याग मान मनुहार सें, सदा निभाती नेह। पीहर मय ससुराल में, बहिना देह विदेह।। एक बेस ले भेंट में, लख लख दे आशीष। ऐसी होती है बहिन, नमन इन्हे नतशीश।। (बेस~ पर्व या किसी भी अवसर […]

भारत मेरा हो सदा, उन्नत भानु समान। मेरा सत संकल्प है, अमर तिरंगा शान।। . 🌞🌞🌞🌞 देश प्रेम सद् भावना, दुनिया में मशहूर। है पर्वत से हम अचल, प्रेम त्याग भरपूर।। . 🌞🌞🌞🌞 रखूँ तिरंगा सर्वदा, दुनिया में सिरमौर। मान तिरंगे का रहे, रखूँ नही हित और।। . 🌞🌞🌞🌞 भारत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।