दल नेता तो बदले ऐसे | कोई गणिका सारी जैसे | सत्ता तो सिंहासन जैसा | बैठा लगता रावण जैसा | धर्म बाँटकर वोट पकाते | कुछ तो सीधे नोट चटाते | मदिरा दरिया गली बहाते | गोता गंगा वोट लगाते | धमकाता है खुल्लम खुल्ला | दुश्मन घर का […]

अपराध किसने किया ? एक अपराधी ने  गुबार राज्य पर क्यों ? द्वेष धर्म से क्यों ? दिशा से बैर का क्या कारण ? आगजनी ,हड़ताल ,मारपीट ,तालाबंदी किस लंका की उपज है ? लंकेश कौन है ? शुरुआत करने वाला आम आदमी नहीं होता  क्योंकि वह आम है उसे […]

दुनिया की जनसंख्या में आधी आबादी महिलाओं की है . दुनिया के प्रत्येक देश में इन की दशा व दिशा में भिन्नता है परिस्थितियां व परिवेश सहित परंपरागत मान्यताओं से यह प्रभावित होती है . इन सब के बावजूद भारतीय समाज मे नारी की दुर्दशा चिंतनीय है . चिंतनीय इस […]

धर्म शाश्वत् है .अजर अमर अविनाशी है .सृष्टि में जब तक मानव सभ्यता है धर्म भी रहेगा . धर्म क्या है ? जिसे हम धारण करते हैं वह धर्म है .अर्थात धर्म एक ऐसी जीवनशैली है जिसे हम अपने आचरण में स्वेच्छा से स्वीकारत है . मानव जीवन के लिए […]

कोई भी ज़ख़्म दिल को खटकता नहीं है अब । आँसू भी चश्म में मेरे चुभता नहीं है अब । इस हद अकेला हो गया मैं कि पूछ मत । साया भी मेरा साथ में चलता नहीं है अब । इन मौसमों में पहले सी वो बात भी नहीं । […]

अब कहाँ हैं वो झूमते मौसम । हर सू हैं बस बुझे बुझे मौसम । अब दरीचे रहे न वो गलियाँ । न कहीं इन्तज़ार के मौसम । दूर तक छाँव है न कोई शजर । धूप से तिलमिला रहे मौसम । शब के होंठों पे लिख गया कोई इश्क़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।