क्यों किसी का इशारा नहीं होता कोई दिलबर हमारा  नहीं  होता चारों  ही  तरफ  क्यों  है  सन्नाटा भला खूबसूरत क्यों नजारा नहीं होता फँसे समुंदर में मझधार में आकर किस्मत में क्यों किनारा नहीं होता खुशियां साथ होती मेरे भी अक्सर अगर कोई बाजी मैं हारा नहीं होता करें ऐतबार […]

सीबीआई विवाद पर खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा का पंच … हम समझते थे , कुछ बात है तुममें जरा अलग है हस्ती तुम्हारी … लेकिन यह क्या , यहां भी वही छीनाझपटी और खींचतान की बीमारी वही मैं बड़ा और  स्वार्थ का झगड़ा पद, पैसा और पावर का लफड़ा […]

येदायरे , ये फासले अब,    क्या बांटेंगे मोहब्बत को । वादा किया है तुमसे अब,      निभायेंगे हम चाहत को ।। तसव्वुर से तेरे अब,     इस दिल को करार आता है । तुमको न देखूं तो दिलबर,      वक़्त भी ठहर जाता है ।। जुदा […]

मौन  मचाये  शौर, बता तेरा है कौन । झूठ जोर से बोला, साथ खड़ा मैं तेरे । अपनापन   शरमाया, उसका सर चकराया। विश्वास ने दी बधाई, फिर  उम्मीद  बनाई। धोखे को हँसी आयी, बार बार क्यों तू चोट खाता     है     भाई । मन ने ढाँढस बँधाया, सभी अपने […]

कहाँ गया हिंदुस्तान अपना ? ढूंढ रहा हूँ मुकाम अपना । जाति-धर्म पर कोई बांटे हमको, अपने -अपने हद में धुसते ही डाँटें हमको, किसी का नारा “मुम्बई हमची” , कोई कहे गुजरात  अपना । कहाँ गया हिंदुस्तान अपना ? ढूंढ रहा हूँ मुकाम अपना । कोई कहे यू पी […]

रात बढ़ती जाती है, काली परछाई की तरह,, देह रौंदी जाती है कुम्हराई मिट्टी की तरह,, सजे बदन, सवंरे नयन बाट जोहते तलबगार की,, वेश्यालय की ये कहानी है हर एक किरदार की,, पूरी देह पर भारी बस एक खाली पेट हो जाता है,, कोई बोटी का लुटेरा जब दो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।