हर सुहागन आज सजी प्रियतम के प्राणों में बसी जोड़ी सदा बनी रहे सबकी मिलती रहे उनको हर खुशी कष्ट कभी कोई होने न पाए हर बला से भगवान बचाये शांति,सुख,सम्रद्धि प्रबल हो पति पत्नी विश्वास सबल हो एक दूसरे के पूरक बने रहे सुख दुख के साथी बने रहे […]

  करवा चौथ का व्रत रखा है मेरी पत्नी ने , सुनो,चाँद तुम थोड़ा सा जल्दी आ जाना । दिनभर भूखी और प्यासी रहेगी जान मेरी , छलनी में दर्शन देकर फिर तुम चले जाना ।। लाल साड़ी पहनकर गौरी ,खुश करे भरतार , काजल व मेहंदी के संग , […]

मुझको तुझसे चाहत सी होने लगी है तेरी मुझको आदत सी होने लगी है ढूंढते रहती है तुमको ही नजरें मेरी नजरें करम इनायत सी होने लगी है तुम्हे देखकर ही मिलता है चैनों सुकून लगता है जैसे राहत सी होने लगी है मांगता रहा दुआओं में तुमको ही तो […]

भरती हैं सिंदूर की लंबी मांग जीवन साथी ही उसका भाग । करें वटसावित्री , करवा चौथ व्रत ताकि  दीर्घायु रहें सुहाग ।। जीवन महकता रहें दिलबाग खुशियों के  संग हो  हर राग । वह चलती हर पथ संग-संग समझकर वह अपना सुभाग ।। सतीरुप में ग्रहण करती आग सुहाग […]

तुम हो मेरी मांग का सिन्दुर तुम हो मेरे सोलह श्रृंगार सदा सुहागन रहुँ मैं देना आर्शीवाद हर बार चुड़ी खनके हाथो मे खन-खन पैरो मे हो पायल की झंकार माथे पर हो बिन्दियाँ सुहाग की गले मे हो मोतियों का हार आँखों मे हो कजरा और होठो पर हो […]

आओ मीत मेरे बैठ सपने नए सजाते हैं  तुम अपनी बताना मैं अपनी सुनाऊं मिलकर कहानी नयी  बनाते हैं दोनों एक आज करवाचौथ मनाते हैं हर मुलाक़ात की यादों से बारात एक सजाते हैं शादी के हर बचन को फिर  से दोहराते हैं तुम ही निर्जला क्यों रहो मुझे पाने के लिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।