नजर लग न जाये जमाने की बहुत आदत है मुस्कुराने की करते हो तो इजहार भी करों बात अच्छी नहीं इश्क छुपाने की इक तेरे दीदार को तरसता रहा क्या जरूरत नजरें झुकाने की शोखी ये शरारत ये बाँकपन तेरा अदा खूबसूरत तेरी है लुभाने की मिलो दो पल तो […]
काव्यभाषा
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