ऐसे मरते जाएंगे कैसे हो निर्माण देश का, जहाँ गुरु ही हो लाचार। महीनों वेतन के लाले हों, चाहे कितना रहे बीमार। सभी सुविधाएँ भोग रहे हैं, सत्ता जिनके हाथों में। ला देंगे फिर से सड़कों पर, धमकाते हैं बातों में। वो क्या समझे दर्द किसी का, जो करते हैं […]
जुल्फों में बादलों की घटाओं का फसाना, आंखों में इंद्रजाल का मंजर है सुहाना, चेहरे का नूर कीमती हीरे से कम नहीं- सम्मुख तुम्हारे चांद भी लगता है पुराना। #डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी ‘नीरव’ Post Views: 19
बीत गया जो पल उसे भूल जाते हैं, आने वाले कल का जश्न मनाते हैं। अरमान है दिल में पूड़ी और मिठाई का, पर सूखी रोटी पर संतोष किए जाते हैं। मिले खुशबू बेली और चमेली की, पर रजनीगंधा की ओर बढ़े जाते हैं। हम जानते हैं प्रेम एक मर्ज […]
कलम कनक की भले नहीं है, अक्षर असर तो फिर भी करेंगे। कागज करार भले ही करे न, मसि कसी तो सब सार सरेंगे। पटल रजत जो कभी मिला तो, पीड़ा तृण कण्टकों की हरेंगें। उम्मीदों के पंख भले कोमल हो , लेखन से नभ परवाज उड़ेंगे। एक से मिल […]
रोज तुम मेरा अधूरी ख़्वाब हो गई, धुंधली जिंदगी में,माहताब हो गई। शराबी कहते हैं मुझे आजकल सभी, होंठ तुम्हारे नशीली शराब हो गई। सुलझे मेरे सारे पेंचीदा सवाल, जब आंखें तुम्हारी जवाब हो गई। बागों के पुष्प भी न भाते अब मुझे, सूरत तुम्हारी फूल गुलाब हो गई। जरा […]
कैसे कटेंगें अब पहाड़ से ये दिन, जीवन की टूक मन की भूख, तन की भूख। कहाँ गई कोयल की कूक! दिन हुए पलछिन, उपहार से ये दिन… कैसे कटेंगें अब पहाड़ से ये दिन। चरण अविराम के, रुक गए कैसे राम के! […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।