स्टेचू ऑफ यूनिटी के पीछे छुपा हुआ एक मोटा सा चूहा बार बार आता है और भारत के नक्शे को कुतर कर चला जाता है गांधी की तश्वीर के पीछे की छिपी छिपकली भी अब मगरमच्छ हो गई है। कीट पतंगे खाने वाली अब तो पूरा आदमी खा जाती है […]

मैं लोगों से अक्सर सुनता हूँ कि जातीय बंधन ढीले हो गए लेकिन मेरे शहर में जातियों ने हर चौंक पर कर लिया कब्जा हर धर्मशाला में कर लिया अपना निवास हर मुहल्ले को दे दिया अपना नाम जाति आधारित संस्थाएं संघर्षरत हैं अपना दबदबा कायम रखने के लिए मुझे […]

भाई बहन के प्यार का प्रतीक है भैय्या दूज पवित्र सोच का पर्याय है सम्बंध होते मजबूत बहन तिलक करें भाई को मांगे रब से खैर उसका भाई खुशहाल रहे न हो किसी से बैर भाई भी बहन की खातिर सर्वस्व न्योछावर को आतुर बहन सदा रहे सुखी दुख हो […]

बहन ही है, जो रिश्तों को निभाती है, हो मुसीबत कितनी फिर भी, भाई के घर मे मुस्कुराती हैं। समझे कोई पराया या माने अपना, पर बहना तो प्यार की डोर से बध जाये।। लगा तिलक शगुन का, भाई का मस्तक चमकाये।। जब भी हो कोई शुभ कार्य  भाई के […]

मेरे लब की मुस्कुराहट पर वो मेरे आँशु पहचान लेता है। दबे है मन मे जो अल्फाज,उनकी आवाज वो जान लेता है।। मुझे कभी मालूम ना था जिस्म पर कितने खंजर लगे है मेरे। बस मेरी आह से वो मेरे शरीर के खंजर पहचान लेता है।। अभी मैं जिंदा हूँ, […]

शहीदों के नाम एक दीपक मैंने भी जलाया है जय हिंद वंदे मातरम मैंने भी गाया है देश के तुम हो रक्षक प्रहरी बनकर मान बढ़ाया है शहीदों के नाम……… तुम ही सच्चे देश भक्त ,रण भूमि में जान गंवाया  है शहीदों के नाम……… नमन तुमको कोटि कोटि हमारा हमने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।