पाल-पोसकर बच्चे को विद्यालय भेजा। अँगड़ाई लेते सपनों को खूब सहेजा॥ तन मन धन को काट,उसे भरपूर पढ़ाया। हर उपाधि के साथ,आरजू बीज उगाया॥ कर कठोर व्रत,साध साधना शिक्षा पाई। वक्ष पिता की चौड़ा,माई अति मुस्काई॥ लेकर उपाधि साथ,चला रोजी को पाने। हुई रोटियाँ दूर, उपाधियां लगी चिढ़ाने॥ यहाँ-वहाँ धकियाया,बेबसी […]

न चाहते हुए भी क्यूँ वो मुझपे चिल्लाता है, पता नहीं,अब बात करने से भी क्यूँ कतराता है ? मैं जाती हूँ पास उसके,पर वह बहुत दूर चला जाता है, अब प्यार से भी नहीं कभी `अम्मा` कहकर बुलाता हैl पता है! मेरा बेटा भी अब मुझे `बुढ़िया` कहकर बुलाता […]

ज़माने भर की तकलीफ़ें बहुत तकलीफ़ देती हैं…, अभी ग़ुरबत की ये कीलें बहुत तकलीफ़ देती हैं…। ये रोते हैं,बिलखते हैं,तड़पते हैं,सिसकते हैं…, भूखे बच्चों की ये चीखें बहुत तकलीफ़ देती हैं…। अभी फ़ुटपाथ पर रहते हैं जिनका घर नहीं कोई…, सुनो,बरसात की बूँदें बहुत तकलीफ़ देती हैं…। किसी के […]

हो ऐसी शुरुआत कि रिश्ते पावन होवें। हृदय वेदना तोड़ बंध रिश्ते न खोवें॥ अपने कारण दर्द किसी आँखों में आया। सोचो खोया बहुत नहीं कुछ हमने पाया॥ जीवन है संग्राम किन्तु लड़ दानवता से। केशव को कर याद पावनी मानवता से॥ धर्म-कर्म परमार्थ पिनाक उठाना होगा। अवध न जाए […]

नई उमंगें,नई तरंगें,दामन में लाया यह नव वर्ष, आशाओं का दीपक लेकर,हंसता आया यह नव वर्ष॥ नई आशा,नई अभिलाषा,नए गंतव्य का सृजन होगा, नूतन अवसर के धूप से,जगमग ये नील गगन होगा। झूमें-गाएं,सब मौज मनाएं,सब पर छाया यह नव वर्ष, आशाओं का दीपक लेकर,हंसता आया यह नव वर्ष॥ इस नवीन […]

अरमानों के पंख लगा के, नूतन वर्ष का अभिनंदन हो। पलकों के दिल द्वार खुले और, मुस्कानों से फिर चन्दन हो॥ करें कामना सबका भला हो, क्षमाशील हो दिल जो जला हो। आँखों में खुशियों के हों आँसू, आज हृदय में न क्रंदन हो॥ सेवा का संकल्प हो दिल में, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।