जिन्दगी का झरोखा, जीवन में प्रकाश की किरणें दिखाता है। कभी उजाला कभी, अंधेरा होता है। सुख-दुख भी, उजाले-अंधेरों की तरह आते-जाते हैं। जीवन के संग्राम, को पार लगाते हैं। इन्सान जीवन की, मोह-माया में भटकता रहता है। अपने-पराए में, हमेशा लगा रहता है। तेरा-मेरा के भेद का, भाव करता […]

विचार मन में सच्चे सही होना चाहिए, रास्ते भले ही कठिन हों चलना चाहिए। मन के विचार हमेशा चंचल, चलायमान होते हैं, कभी पहाड़ की चोटी पर, कभी चाँद की सैर करने चले जाते हैं। हवा के झोंकों की तरह कभी, भी कहीं भी चले जाते हैं, नदी-समुन्दर यूं चुटकी […]

माता-पिता की प्रेरणा से, आज ये मुकाम कड़ी मेहनत-लगन से हासिल हुआ है। माता-पिता ने सच्चाई के रास्ते पर चलना बताया था, वही प्रेरणा वही राह चलकर आगे चला था। रास्ते की हर मुश्किल को संघर्ष करके पार किया था। वही राह वही मेहनत हमारे काम आई, जीवन की यह […]

सूरज गोल—–चंदा गोल। आओ देखें क्या-क्या गोल॥ सुबह-सुबह हम चाय पीते चाय की वह प्याली गोल, भूख लगे तो भोजन करते भोजन की वह थाली गोल, सूरज गोल—–चंदा गोल। आओ देखें क्या-क्या गोल॥ थाली में जो पहले आती वह प्यारी-प्यारी रोटी गोल, शाम हुई तो खेलें हम खेल कांच की […]

उल्टे-सीधे कागज़ भर के यों मत बटुवा भारी करिए। अब घंटी बजने वाली है,चलने की तैयारी करिए॥ मीठा बोलो और सभी के मन में अपना करो ठिकाना। ज्यादा दिन तक कौन रहेगा,फिर क्यों थानेदारी करिए॥ गंदले जल के स्रोत प्रदूषित करने को आतुर लगते हैं। करना है तो पावन गंगा […]

बेटा यदि वारिस है, तो बेटी पारस है। बेटा यदि वंश है, तो बेटी अंश है। बेटा यदि तन है, तो बेटी मन है। बेटा यदि संस्कार है, तो बेटी संस्कृति है। बेटा यदि आन-बान है, तो बेटी मान-गुमान है। बेटा यदि दया है, तो बेटी दुआ है। बेटा यदि […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।