सत्य पराजित है खड़ा , झूठ का होता सम्मान। मान अपमान के भवर में डूब रहा सच्चा इंसान।। नैया सच की है डोलती और खिवैया झूठो का यार। जब नैया डुबाये खिवैया ही फिर कैसे हो नैया पार।। चल रहा चाल झूठ अब ,कर देगा सच को बेजार। ठगते इस […]

साल  दर  साल  यूँ  ही  बदलते  चले  गए, उम्र  बढ़ती  गई  , सपने   मरते  चले  गए। क्या  कुछ  बदला  पिछले  कुछ सालों में, हाँ  हर  साल  धोखो  के  चेहरे बदल गए। साल  दर  साल  मेरा चेहरा बदलता चला गया, चेहरे   पर  नई  लकीरो के  साये  बढ़ते चले गए, मैं रोक […]

अंतर्मन की आशाएं , दिल के सारे सपने। होंगे   क्या   पूरे ,उम्मीद   बनाये   रखना।। दवात जो भरी है अपने ही अश्को की स्याही से, क्या सच लिख पाएगी कलम,ये उम्मीद बनाये रखना। आजकल ये रोज मैं जो पन्नो पर बाट रहा है। ये टूटे सपने है मेरे,जिन्हें मैं रोज छाट […]

नए साल में सर्दियों की छुट्टी जब हो जाएगी। बाहर कहीं घूमने जाने को पापा को मनाएंगे।। नए साल में फिर पापा शायद मसूरी ले जाएंगे। बर्फ पड़ी होगी बहुत,हम हंगामा बहुत मचाएंगे।। भैया दीदी और मम्मी संग चीज बहुत सी लाएंगे। माल रोड पर घूम घूम कर हंगामा बहुत […]

बसेरा बनाने निकल पड़ा हूँ,पर अंधकार बड़ा गहरा है। रौशनी भी कहीं नही है और जुगनुओं पर भी पहरा है।। डगर भी उथल पुथल है और कोहरा भी बड़ा गहरा है। रुकने का भी वक्त नही है और पैरों को थकन ने घेरा है।। चलता चल तू बस इसी लग्न […]

उजाले मंद हुए , मैं  मयखाने चला गया। जख्म उजागर ना हो,मैं पीता चला गया।। जैसे  जीवन  से  कभी  नफरत होती थी। बस मैं वैसे ही जीवन जीता चला गया।। चंद बूंदे मय की जो मुझ को छू गयी। मैं मयखाने को खुद जीता चला गया।। दिल  जो  अश्को  से  […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।