अहमदाबाद के नजदीकी गाँव, नदी किनारे स्थित था | उस गाँव में संजय और सारिका दोनों सुख चेन से रहते थे | दोनों में गहरा प्यार था | इस वजह से संजय और सारिका ने प्रेम शादी किया था | संजय पोलिस की नौकरी करता था | संजय और सारिका […]

हिन्दी भक्ति काव्य मीराबाई, कबीर और संत रविदास ने रचे थे | वो शिक्षा में पारंगत न होने के बावजूद एक उमदा भक्ति काव्य समाज को दिया गया है | सामाजिक चेतना और आध्त्यात्मिकता की ओर ले जाने वाले ये हिन्दी भक्ति काव्य ने भारत में संस्कृति का सिंचन किया […]

स्वतंत्रता की चलाई आंधी, नाम था उसका मोहन गाँधी, अंगेज गूस गए देश के अंदर चेतन् हो गया था पोर बंदर Bapu जनता  की उसने  बनाई कुमक दांडी से उसने उठाया नमक  कस्तूरबा से करवाया श्रम अहमदाबाद में बनाया आश्रम बचपन में चबाये चने इंग्लेंड जाकर बेरी स्टार बने स्वतंत्रता […]

कविता में संवेदना और प्रेम की नदियाँ बहती है | सच्चा कवि-रचनाकार वो है जो किसी भी स्थान या जगा की परवाह किये बिना कविता की रचना करने में ही रस होता है | कितने लोग कविता पढने की टालते है | किसी को कभी कभी कविता सुनने में भी […]

मचानी है तो धूम मचाओ, लेकिन बेटी. बचाओ चाहे उसे सोना न दिलाओ, लेकिन बेटी बचाओ चाहे उसे नाच नचाओ, लेकिन बेटी बचाओ चाहे उसकी मांग पूरी न हो लेकिन बेटी बचाओ चाहे उसे उसे कम पढ़ाओ लेकिन बेटी बचाओ चाहे उसे चाय पिलाओ लेकिन बेटी बचाओ चाहे उसे पायल […]

मध्य प्रदेश के रायगढ़ जिल्लेमे जीरी गाँव में गावमे स्थानिक “मालवी” भाषा बोली जाती थी | ये गाँव में १२०० लोगोंकी बस्ती में ८०% अनपढ़ है | लेकिन २००७ से वहां गाँव में सभी लोग अंग्रेजी के ज़माने में संस्कृत भाषा में अपना व्यवहार करते है | संस्कृत भाषा से […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।