*भावों की तरंगे काव्य संग्रह ऑनलाइन लोकार्पित* इन्दौर। संस्था अखंड संडे के तत्वावधान में बैंगलोर की लेखिका विजया रिंगे की तीसरी पुस्तक भावों की तरंगे काव्य संग्रह का 84 वां ऑनलाइन लोकार्पण किया गया।      इस अवसर पर समिति की साहित्य मंत्री ने डॉ. पदमा सिंह ने कहा कि भावों की […]

*सूफी दर्शन की प्रतिनिधि कृति बच्चन जी की ’मधुशाला’-डाॅ. कल्पना पुरोहित* इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर में कालजयी साहित्यकार स्मरण श्रृंखला की 35वीं कड़ी में हिन्दी के सुपरिचित कवि विशेषकर छायावादी कवि डाॅ. हरिवंशराय बच्चन को आदर के साथ याद करते हुए उनके साहित्य कृतित्व और व्यक्तित्व पर […]

इंदौर। मतदान के प्रति रुचि बनाने के उद्देश्य से मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा ख़बर हलचल न्यूज़ के माध्यम से संचालित ‘उँगली पर सजाएँगे लोकतंत्र अभियान’ के अंतर्गत कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित को गई, जिसमें इन्दौर की लेखिका मणिमाला शर्मा विजेता रहीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ […]

अपने इतिहास को न भूलें, गुरु गोविंदसिंह के संस्कार दें बच्चों को : शिवम सिंह सिसौदिया मेहगांव | अपने अतीत को कभी न भूलें, जो अपने इतिहास को भूल जाते हैं उनका भविष्य भी सम्मान नहीं करता। हमें बच्चों को उन संस्कारों से पोषित करना होगा जो गुरु गोविंदसिंह जी […]

आदिलाबाल इन्द्रवेल्ली। हिन्दी दिवस के अवसर पर शासकीय कनिष्ठ महाविद्यालय इन्द्रवेल्ली में समारोह का आयोजन किया गया। उसमें वरिष्ठ लेखक हिंदी प्राध्यापक श्रावण राठौड़ को महाविद्यालय के प्राचार्य और विद्यार्थियों ने मिलकर सम्मानित किया। । इस समारोह में मुख्य अतिथि के टी. श्रीनिवास और गौरव सदस्य प्राध्यापक मादासु मधुकर मौजूद […]

जबलपुर। हिंदी दिवस के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान, जबलपुर इकाई के द्वारा काव्य संध्या का आयोजन किया गया। अमृत तीर्थ जैन मंदिर के सभागार में तीर्थ कमेटी के पदाधिकारियों और समाजसेवियों के मध्य माँ हिंदी के चरणों में काव्य आहुति प्रदान की गई और हिंदी में हस्ताक्षर का आह्वान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।