बिटिया भी चिड़ियाँ होती है पर पंख नहीं होते उनके दो जगहों का सुंदर रिश्ता मायका, ससुराल पर घर नहीं होते उनके । जनम दिया जिस मात – पिता ने कहते बेटी तो परायी है ससुराल में जब जाती बेटी सास – ससुर कहते ….. ये तो परायी घर से […]

शब्दों से भरी पन्नों की स्याही कितनी वफादार निकली “नजर” आती है स्पष्ट ज्ञान देती है झटपट होती नही नटखट स्याही के करिश्में कितनी मशहूर निकली शब्दों से भरी पन्नों की स्याही कितनी वफादार निकली। गमो का पहाड़ भी थाम लेती है कलम की सिपाही बनकर कुछ तो सिख लिया […]

देखो   दादी,   देखो  नानी रंग  बिरंगी   तितली रानी। सबको लगती बड़ी सयानी जगह जगह का पीती पानी। तितली  रानी , तितली रानी अमन  चैन  से रहती  रानी। हरकत करती वो  मस्तानी फूल  फूल  पर  जाती रानी। तितली रानी , तितली  रानी हार  कभी  ना  तुमने मानी। फूल देख  इठलाती तितली […]

प्रचंड इस वेग में यही तो एक बात है, अखण्ड इस विचार में प्रचंड राष्ट्र भाव है। सहस्र बरसों की वेदना वेदना ही उत्पत्ति है, उठो,उठो भारती दिव्य ही स्वभाव है। चलो, कीर्ति पथ पर असंख्य भाव भरे हैं, इसी वेग के साक्षी विजय ही स्वभाव है। पूर्वजों के ऋण […]

सर्द रात और एक प्याला काफी तुम्हारा साथ और अनगिनत बात रात के सन्नाटे मे हम दोनों एक साथ सुनों तुम हमेशा रहना मेरे साथ थामना मेरा हाथ और सुनहरे अक्षरों से लिखना सबके दिल की बात… हम तुम और होंगे खूबसूरत एहसास करेंगे दिल की बात…। #चारू शिखा परिचय-  […]

जब योवन पर आती नदियाँ मछलियाँ तब नदी के प्रवाह के विपरीत प्रवाह पर तेरती छोटी -छोटी धाराओं पर चढ़ जाती सीधे * नदियाँ मिलना चाहती समुद्र से मछलियाँ देखना चाहती नदियों का उद्गम * सागर से मिलती जब नदियाँ लाती साथ में कूड़ा करकट सागर को बताने ऐसे हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।