शान है मेरी तिरंगा मत इसे कपड़ा समझना ताक में दुश्मन खड़ा हैे मत कभी पलकें झपकना मुश्किलों से मिल सकी है देश को आजाद धरती अब नहीं स्वच्छंदता से मंच पर फूहड़ मटकना ये धरा है ऋषि मुनी की तप तपोबल से भरी है छोड़ तो तुम अब नशे […]
या रब….! किस्सा सच्चा है क्या जीवन एक खिलौना है क्या…!! नील गगन की……., सैर करा दे ऐसा कोई…., चारा है क्या….!! पूछ रही….., मन की अभिलाषा तारा कोई…., टूटा है क्या…..!! दरवाज़े पर…., दस्तक़ कैसी….? देखो अल्हड़ पुरवा है क्या…..!! झूठ दिखाई…, देता जो सच….! इन आँखों पर पर्दा […]
मुक्त- छंद शुभ दृश्य मनोहरतम दृश्यांकन सुन्दरतम लुभाया, ठहर न पाया मन बढ गया वहाँ से। मन गति आरंभ कहाँ से? सुनी सप्तसुर लहरी छायी मानस पर गहरी मगन गुनगुनाता सा चल दिया फिर वहाँ से। मन गति आरंभ कहाँ से? मनभावन उपवन का संग गंध विविध पुष्प मकरंद सुहाती […]
वतन, बस भू मण्डल के कुछ, एक हिस्से का ही नाम नहीं है। वतन, सीमा रेखा में शासन का, और सरकारों का काम नहीं है। वतन, इंसानों की आबाद बस्तियों, का रहने बसने का ही धाम नहीं है। वतन, प्रभुसत्ता धारी संविधान का, केवल कोरा शुभ गुण गान नहीं है। […]
खुद्दारी से जीना है पहचान मेरी स्वाभिमान से आगे बढ़ना शान मेरी ऐसी मैं आज की स्वाभिमानिनी नारी इस नई उड़ान के साथ जिऊँ अपने पंखों को खोल आसमान का विस्तार दूँ आत्मविश्वास को बनाए रखूं ऐसी मैं आज की स्वाभिमानिनी नारी पुरुष प्रधान समाज में हर काम में निस्संदेह […]
यह हिन्दुस्तान है भैया, यहाँ रिश्ते मचलते है। त्याग रिश्तों में होता है, रिश्ते भीे छलकते हैं। बहुत मजबूत हैं रिश्ते, मगर मजबूर भी देखे। कभी मिल जान देते थे, गमों से चूर भी देखे। ‘करें सम्मान नारी का” करे दुनिया ये अय्यारी। ठगी जाती हमेशा से, यूँ ही संसार […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।