साथियो आज में आपको जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई बताने का एक प्रयास कर रहा हूँ। जो भी मनुष्य इस संसार में आता है। उसे एक दिन तो अवश्य ही इस संसार से  जाना है। जब तक हम इस संसार में रहते है तब तक सब अपने अनुकूल हम लोग […]

पहला दिन सेवा निवृति का कैसा रहा ? कहते है की जब इन्सान अपने कार्य से बिमुख हो जाता है तो उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योकि हम लोग करीब २५-२८ सालो तक काम या नौकरी जो करते है, तो जीवन की रफ़्तार लगभग एक सामन होती […]

जीवन मे उगा बबूल गये है लोग जिना ही अब जैसे भूल गये है लोग अमन प्यार वफा सब है बस नाम के बात बात पर चला त्रिशूल गये है लोग। भिड है झूंड है पर इंसान एक नही खूदगर्जी मे खूद ही को भूल गये है लोग। जात धर्म […]

कभी कभी ये दिल, बहुत उदास होता है। पर जब भी याद, आप की आती है । तो खुशी से दिल, मेरा झूम उठता है। ऐसा क्या है आपमे ? जो इस नचीज के, दिलको बहुत भाता है।। मेरी तन्हाईयाँ मुझ से, ये ही पूछती है । क्यो तुम किसी […]

माँ से बिटियाँ का स्नेह होता है लाजवाब बिटियाँ को सुलाती अपने आँचल में लगता है जैसे फूलों के मध्य पराग हो झोली में । माँ की आवाज कोयल सी और बिटियाँ की खिलखिलाहट पायल की छुन -छुन सी लगता है जैसे मधुर संगीत हो फिजाओं में । माँ तो […]

मोहब्बत सूरत से नहीं होती है। मोहब्बत तो दिल से होती है। सूरत खुद प्यारी लगने लगती है। कद्र जिनकी दिल में होती है।। मुझे आदत नहीं कही रुकने की। लेकिन जबसे तुम मुझे मिले हो। दिल कही और ठहरता नहीं है। दिल धड़कता है बस आपके लिए।। कितनो ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।