बीती बरस विरह की घड़ियाँ, देखो आयी मिलन की बेला नव सुन्दर मधुर मिलन की बेला ……. है दूर हुई मुख की मलिनता दिख रहा है नव – यौवन खिलता वीरानी में फिर लगा है मेला देखो आयी मिलन की बेला नव सुन्दर मधुर मिलन की बेला ……. जब होगा […]
माँ मुझको दे विदा तिलक, अब,सीमाओं पर जाना है। आतंकी और शत्रु वतन के, फिर गद्दारी वंश मिटाना है। जन्म जुस्तजू तेरे आँचल मे, जगती अभिलाषा सीमा पर। जब तक श्वाँस चलेगी ,मेरी, मै,डटा रहूं निज सीमा पर। वैज्ञानिक बनकर न जाऊं, चन्द्र ,ग्रहों की खोजों पर। नहीं विमान उड़ाना […]
दिल की दीवारें जब दरकी रिस रिस जल की बूँदे सरकी। पीड़ा के बदरा मंडराये अश्रु नयन ये रोक न पाये। आँसू आखों का मौन तोड़ यह गिरा नयनो की बेजोड़ अवरुद्घ कंठ नहीं कह पाता यह सारी गाथा समझाता । यह नयनों का दुर्लभ मोती ओस बिन्दु निज आभा […]
आज नहीं मन पढ़ने का, आज नहीं,मन लिखने का। मन विद्रोही,निर्मम दुनिया, मन की पीड़ा किसे बताऊँ, माँ के आँचल में सो जाऊँ। मन में कई तूफान मचलते, घट मे सागर भरे छलकते। तन के छाले घाव बने अब, उन घावों को ही सहलाऊँ, माँ के आँचल में सो जाऊँ। […]
पिछले हजारों सालों में समाज के अन्दर महिलाओं की स्थिति में बहुत बड़े स्तर पर बदलाव हुआ है। अगर गुज़रे चालीस-पचास सालों को ही देखे तो हमें पता चलता है की महिलाओं को पुरुषों के बराबर हक़ मिले, इस पर बहुत ज्यादा काम किया गया है। हम यह तो नहीं […]
सौरमंडल की हम संतान अलग रंग और अलग है नाम….(2) सबसे पहला ,बड़ा और पीला मैं सूरज हूँ आग का गोला दूजा में बुध सूरज के पास खड़ा हूँ दिखने में छोटा पर बलवान बड़ा हूँ तीजा मैं शुक्र हूँ बड़ा मज़ेदार रहता गरम मगर हूँ चमकदार चौथी मैं पृथ्वी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।