त्रेता से कलयुग तक भारत के गौरव का गान हैं वो, मर्यादा पुरुषोत्तम हर हिन्दू का स्वाभिमान हैं वो। वानर सेना के संग पूरा सागर पार किया जिसने, धर्म की जय हेतु दशानन का संहार किया जिसने। थोड़ी-सी उपलब्धि पाकर ज्यादा मद में फूलो मत, विश्व पटल पर सर्वश्रेष्ठ पुत्र […]

मुगलों की गलती का एक-एक अक्षर साफ किया था सुन, सत्रह बार मुहम्मद गोरी हमने माफ किया था सुन। कुछ फिल्मों से बुलंदियां पाकर तू मद में फूल गया, खिलजी को बतला महान माँ पद्मा का जौहर भूल गया। तुम वीरों-वीरांगनाओं की तुलना करने बैठे हो, झूठ को बतलाकर सच […]

अजब-सी है ये जिन्दगी, कभी खुशियों का त्योहार है जिन्दगी। तो कभी दुखों की हार है जिन्दगी। कभी प्यारा-सा अरमान है जिन्दगी, तो कभी पीड़ा से भरा तूफान है जिन्दगी। कभी सफलताओं का उपहार है जिन्दगी, तो कभी असफलताओं का प्रहार है जिन्दगी। कभी अमावस की रात है जिन्दगी, तो […]

माँ के आँचल में, सारी दुनिया समाई है। चाहे कितना भी कमा लें, इससे बढ़ के न कोई कमाई है॥ जाने कितने दुखों को सहकर, खुद भूखा और तेरा पेट भरकर। सारी खुशियों से झोली तेरी भरी, तो आज कमाने लायक हालत आई है॥ जब भी तुझको बुखार आया, पूरी […]

कब कहाँ किसी की भी अर्जियाँ समझती हैं, बिजलियाँ गिराना बस बिजलियाँ समझती हैं। गर पकड़ में आई तो पंख नोचे जाएंगे, बाग़ की हकीकत सब तितलियाँ समझती हैं। पहले दाने डालेगा फिर हमें फँसाएगा, चाल यह मछेरे की मछलियाँ समझती हैं। फ़्लैट कल्चर आया है जब से अपने शहरों […]

मैं जा रही हूँ पापा, आपके ऊपर कर्ज का भार तिलक और दहेज का भार, खेती और महाजन का भार माँ के ईलाज का भार, इस हाल में मैं क्या करूं? मैं लड़की हूँ, बेबस और लाचार हूँ बिन पंख पक्षी के समान, मैं जा रही हूँ पापाl सड़क पर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।