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अजब-सी है
ये जिन्दगी,
कभी खुशियों का
त्योहार है जिन्दगी।
तो कभी दुखों की
हार है जिन्दगी।
कभी प्यारा-सा
अरमान है जिन्दगी,
तो कभी पीड़ा से भरा
तूफान है जिन्दगी।
कभी सफलताओं का
उपहार है जिन्दगी,
तो कभी असफलताओं का
प्रहार है जिन्दगी।
कभी अमावस की
रात है जिन्दगी,
तो कभी रहस्यमयी
बात है जिन्दगी।
कभी तूफानी लहरों से
गुजरती नाव है जिन्दगी,
तो कभी अपनों से मिला
गहरा घाव है जिन्दगी।
फिर भी एक मीठा-सा
एहसास है जिन्दगी॥
#बिनोद यादव
परिचय : बिनोद यादव की जन्मतिथि- १७ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थान-चांपदानी, हुगली(पश्चिम बंगाल) है। आपने हिन्दी में स्नातक(पूरी नहीं) बेलुर(हावड़ा) करने के बाद कार्यक्षेत्र के रुप में भारतीय सेना (सैनिक) कॊ अपनाया है। वर्तमान में आप गुजरात में निवासरत हैं। लिखना आपकी पसंद का काम है,इसलिए कविता-गीत लिखते हैं। श्री यादव के लेखन का उद्देश्य-शौक और सामाजिक चेतना को जागृत करना है।
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Wed Oct 4 , 2017
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