स्त्रियों का विमर्श शुरू होता है पुरुषों के परामर्श से। जिसमें आदिकाल से स्त्रियों को बेचारी अबला या फिर देवी धात्री सर्वपूज्या कहा गया। नवदुर्गा में कन्या पूजा कर फिर उसे कोख में मार डालते हैं। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाते हैं। मुँह अंधेरे बसों में,ऑटों में,कार में करते हैं […]

मेरी खिड़की पर चिड़ियों ने एक घोंसला बना था। मैंने देखा उसमें से कुछ दिन से आवाज़ नहीं आ रही थी। मुझे लगा अब इसे हटा देना चाहिए। घोंसला ऊंचा था।मैंने टेबिल पर कुर्सी रखी और उस पर चढ़ने लगा। मेरे 75 साल के पिताजी जो आज भी शारीरिक रूप […]

टन टन टन बज गई घंटी,  गुरुजी की उठ गई शंटी। गर्मी की छुट्टी फुर्र हो गई, गुरुजी की गुर्र शुरू हो गई। गोलू भोलू खेलना बन्द, पढ़ना इनको नहीं पसंद। मम्मी ऊपर से चिल्लाए, पापा गुस्से में आंख दिखाए। सारी मस्ती भई छूमंतर, पढ़ाई का डंडा है सिर पर। […]

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हिंसा को भड़काने वाले ये किसान नहीं हो सकते। जीवन को सुलगाने वाले ये किसान नहीं हो सकते। खेतों में जो श्रम का पानी देता है। फसलों को जो खून की सानी देता है। फसलों को आग लगाने वाले, ये किसान नहीं हो सकते। हिंसा को भड़काने वाले ये किसान […]

कूकर कौआ लोमड़ी,ये होते बदजात। लठ्ठ से इनको मारिए,तब ये सुनते बात। तब ये सुनते बात,पाक है लोमड़ ऐसा। छाती पर हो लात,बिलखता कूकर जैसा। कह सुशील कविराय,मिटा दो पाक का हौआ। घुसकर मारो आज,भगा दो कूकर कौआ। सीमा पर सेना लड़े,घर उजाड़ें गद्दार। कश्मीर में केसर जहर,कैसे होय उद्धार। […]

इंतजार उनका किया बीते दिन और रात। नैना रास्ता देख कर अश्रु करें बरसात। एक हतो हरि संग गयो अब बेमन हम लोग। पल-पल छिन-छिन मर जिएं कैसे कटे वियोग। राधा ऐसी बावरी कान्हा प्रीत लगाय। वृंदावन के बीच में कान्हा-कान्हा गाय। ऊधो कान्हा से कहो क्यों बिसरायो मोय। जन्म-जन्म […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।