खत्म हुआ वक़्त इंसानियत का, झूठ-फरेब का चला दौर है! सच्चाई को दबाने को, झूठी खबरों का सोशल साइट पर शोर है!! अपनी गलती ढकने को लोग,  दूसरों पर झूठे इल्जाम लगाते हैं! घर की बहन-बेटियों को, हथियार बनाने से भी नही कतराते हैं।! जिस थाली में खाया उसी में […]

पूछ रही हूं मेरी माँ मैं तुझसे, बस तू ये मुझको बता दे! क्यो फेंका मुझे कूड़ेदान में, अब मुझको तू ये जता दे!! 9 महीने तक रखा पेट में, फिर ऐसी क्या मजबूरी थी! नही चाहिए थी बेटी तुझको, तो क्या पैदा करनी जरूरी थी!! क्या तेरी कोख में […]

लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं! भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं!! चैन भी नही मिला नींद भी मुक्कमल नही थी.. बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी.. कुछ बाते थी अनकही कुछ पर तो मैंने […]

पुलवामा में शहीद हुए जो, हम कैसे उनका जिक्र करें..! यू लाल शहीद होते रहे, तो कौन इस देश की फिक्र करे..!! सपने थे मन मे संजोए हुए वो, देश के लिए दे गए कुर्बानी..! अंतर्मन मेरा रो उठता है, कैसे लिखूं उन वीरों की बलिदानी..!! फटा कलेजा माँ-बाप का, […]

चीख रही है बेबस नारी, सुनले अ दरिंदे बलात्कारी…. नोचा जब तूने इस तन को, आवाज नही आई तेरे मन मे! 9 महीने गर्भ में रहा नारी के, सिहरन ना हुई तेरे तन में!! अस्तित्व तेरा नारी से, इसकी उंगली पकड़कर खड़ा हुआ! नारी तन के स्तन से ही, दूध […]

हो ये नया साल ऐसा कि, इंसान इंसान का दुश्मन बने ना! किसी के बोले कड़वे शब्द, किसी पर खंजर बन तने ना!! किसी पुरुष के लांछन की, ना शिकार हो कभी कोई नारी! ना घुट-घुट कर जिए कोई, सुकूँ से बिता सके जिंदगी सारी!! ना कत्ल हो किसी का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।