पुलवामा में शहीद हुए जो, हम कैसे उनका जिक्र करें..!
यू लाल शहीद होते रहे, तो कौन इस देश की फिक्र करे..!!
सपने थे मन मे संजोए हुए वो, देश के लिए दे गए कुर्बानी..!
अंतर्मन मेरा रो उठता है, कैसे लिखूं उन वीरों की बलिदानी..!!
फटा कलेजा माँ-बाप का, बहन भी सिर पीटकर रोई है..!
सर से साया उठा बच्चों के, पत्नी भी बेहोशी में सोई है..!!
चवालीस लाशें जली एक दिन, मचा देश मे कोहराम है..!
हर किसी का सीना ऐसे जला, जल रहा जैसे श्मशान है..!!
बात नेता की हो या सीमा हो, हर किसी की रक्षा फौजी करे..!
खुद की इसको परवाह नही, जान हथेली पर लिए फिरे..!!
आंखे खोलो हमारे नेता, खून के बदले खून की बारी है..!
अपने बेटे खोकर देखो, वीरों के शव अब तक आने जारी है..!!
उठा कलम लिख “मलिक”,उन शहीदों के खून की स्याही से..!
फौजियों ने जो की बगावत, कौन रोकेगा देश को तबाही से..!!
#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।