कोटि कोटि नमन करते है इस बलिदानी को, जिसने फांसी पर चढ़ा थी अपनी जवानी को। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इसने चलाया था। अंग्रेजो को इसने ही छठी का दूध पिलाया था। मत भूलो तुम ऐसे वीर शहीदों की कहानी को, जिसने फांसी पर चढ़ा थी अपनी जवानी को। आर […]

शरीर को चंगा रखो। दिमाग को ठंडा रखो।। जेब को गर्म रखो। आंखो मे शर्म रखो।। जबान को नरम रखो। दिल में रहम रखो।। क्रोध पर लगाम रखो। सबसे ही प्रणाम रखो।। अपने को मस्त रखो। किसी को न त्रस्त रखो।। अपने को व्यस्त रखो। भजन में मस्त रखो।। मुख […]

शराब कभू न पीजिए,ये है विष समान। इससे न होत है,जीवन का कल्याण।। शराब है नहीं समस्या का समाधान। इसके होत है हमेशा ही बुरे परिणाम।। शराब जल्दी करती है मरने की तैयारी। पीते रहोगे इसको,जल्दी घेरेगी बीमारी।। डेली पीने वालों के होते हैं घर बर्बाद। उनके घर में होते […]

फाल्गुन मे फाग उड़ाए सखी तूने, अब चैत्र का मास आ गयो है। धरा बसंती अब हो गई है, मस्ती का मौसम छा गयो है। कोयल कूक रही बागन में, आम पर बौर आ गयो है। भौरे मंडरा रहे है फूलों पर, मिलन का मौसम आ गयो है।। छोटी छोटी […]

मन में भाव आते हैं तो लिखता हूं। दिल में दर्द होता है तो लिखता हूं।। किसी का कुछ न लेता हूं न बिगाड़ता हूं। केवल अपने उदगारो तो मैं लिखता हूं।। दीवार के सहारे खड़ा हूं तेरा क्या लेता हूं। केवल अपने दिल की तपिश बुझा लेता हूं।। तू […]

दिल लेकर पूछती हो कौन हो तुम। जान कर भी अनजान बनती हो तुम।। दिल के बदले दिल दिया था मैंने। पूछता हूं इनका ज़बाब क्यों मौन हो तुम।। भली भांति जानती हो कौन हूं मै तुम्हारा। मेरे पास वह दिल है जो कभी था तुम्हारा।। ये सच है मै […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।