प्यार और खुशियों से भरा दिन जिस में प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को प्रपोज करते हैं और जीवन भर साथ निभाने के वादे करते है।साल का एक ऐसा दिन जिसे जोड़े कुछ खास तरीके से मनाना चाहते है। आज के दिन के लिए रमेश और रजनी ने कुछ खास सोच […]

वो  मुठ्ठी  में समंदर को जकड़ना चाहता है। वो नन्हा परिंदा आसमाँ पकड़ना चाहता है।। अभी चंद रोज पहले ही चलना शुरू किया है उसने। मगर वो तेज हवाओ के तुफानो को हराना चाहता है।। छोटा सा दिया जो कर ना सका अपने तले उजाला। मगर वो  दिया दुनिया मे  […]

हाथ तिरंगा लेकर गणतंत्र दिवस पर, मैं   गीत   देशभक्ति   के   गाता   हूँ। देश पर शहीद हुए जो,मुझे याद नही, लेकिन खुद को देशभक्त बताता हूँ । मैं  आज के भारत देश का युवा हूँ, तिरंगे के साथ सेल्फी खिंचवाता हूँ। मैं  बेशर्म  हूँ  बहुत  और  बेगैरत  भी, ऐसे मौकों पर […]

दामन   अपना   आसमाँ   सा   बनाना  आसान   नही । अपने  आँचल  में   सूरज , चाँद  और  सितारों  को  एक साथ   दिल   से   बसाना  कोई   आसान  काम   नही ।। आजकल लोग अपनी जरूरत से लोगो को गले लगाते है, अगर अपने मतलब का न हो तो बस उसका गला दबाते है। वो […]

अपनी परछाई से मंजिल का पता पूछ रहा हूँ। भटक गया हूँ,मंजिल का निशान ढूंढ रहा हूँ।। कोई जब ना दिखा रहा था वहाँ पहुँचने की राह। तो खुद ही खुद से वहां जाने की राह पूछ रहा हूँ।। पस्त  हौसले  से  जंग  लड़ने  की  सोच रहा हूँ। अपने ही […]

चुनु – मुन्नू  थे  दो  चूहे  भाई, इधर – उधर  वो  घर  मे  घूमे, रसोई  में  रखे  खाने  को  चूमे, राजू   की   मम्मी   उनसे   घबराई, उन्हें पकड़ने के लिए चूहेदानी लगाई। चुन्नू था दोनों भाइयो में भोला भाला, पिंजरे में रोटी देख उसका मन ललचाया, अंदर जाकर रोटी को जब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।