आधी रात सन्नाटों की नीरवता में, व्याकुलता जब बढ़ने लगी दिल में फिर खलबली-सी, मचने लगी दिल की किताब के चंद पन्ने, पलट गए लम्हों की ओर चंद किस्से बचपन के हंस पड़े किलकारी मार। माँ के आँचल बाप की ऊँगली, दादी-नानी  की कहानी चाचा की पीठ बुआ ढीठ, […]

काली-काली घटाएँ, झूमकर यूँ लहरा गईं ज्यों तेरी नागिन-सी लहराती बलखाती जुल्फ औ’ अलक आसमां के दामन से, बूंदन का टपकना ज्यों काली कजरारी अँखियन से अँसूअन से मोती घन गर्जन बीच दामिनी चमके ज्यूं रक्तिम अधर बीच मोतियन की पांत॥                   […]

हम कहीं भी रहे दिल हमारा धड़कता तेरे ही खयाल से है, हर साँस सुमरिनी के मनके-सी बार-बार तिरा नाम जपती है, खुशबू-सी लिपटी रहती है सोच तेरी आँख में बस चेहरा, तेरा ही समाया रहता है दिल के मकां में बसर  तेरा  है, दूजा कहाँ समा सके है॥       […]

वसुन्धरा के आँगन में आतंक नहीं पलने देंगे, मानवता की क्यारी में यूं खर-पतवार नहीं उगने देंगे। जब भी इस मातृभूमि पर दुश्मन ने आँख उठाई है, माँ के वीर सपूतों ने अपनी तलवार उठाई है। ममता के आँचल को अब नीलाम नहीं होने देंगे, मानवता की क्यारी में खर-पतवार […]

चलो सजन कहीं दूर चलें, पलकों में मीठा स्वप्न पले मन-मयूर हर्षित हो जाए, कोयल मीठा गीत सुनाए। नील गगन की छाँव तले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। धरा-गगन मिल जाते हों, सब राग प्रेम का गाते हों। अधरों पर केवल मुस्कान खिले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। राग-द्वेष का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।