हे राम वहां तुम कैसे हो, कुछ तो बतलाना ऐसे हो। हैं भक्ति-भाव में डूबे हम, क्यूँ अपनेपन से रीते हैं।। अपने-अपने का रंग चढा़, पर,परहित कहां पर होता है। मन की सारी इच्छाओं का, अंत कहां पर होता है।। जीवन की आपा-धापी में, श्वांसों की गणना मंद हुई। धन […]

भूतल पर झुका हुआ अंबर, है हरित आवरण मृदुल धरा.. सिंचित है तन-मन-यौवन, है खोया-खोया-सा उपवन।। इच्छाओं की बहती धारा में, डूब रहा वह कंठ-कंठ तक.. है छिटक रहा मधु का प्याला, है छिन-छिन घटता ये जीवन।। मिलन-मिलाप की उत्कंठा में, शीतल होते कई बरस.. झर-झर झरता है झरना, बस कर्मयोग […]

मंद-मंद मुस्काती बेटी, जीवन का सार सबल बेटी.. गंगा-जमुना-सी निर्मल धार,. झरने-सी,कलकल बेटी। नव आशा का उज्ज्वल दर्पण, पलती-पढ़ती बन होनहार. प्रकृति का उन्मत्त श्रंगार, मुस्कानों का उद्गम स्थल.. जीवन का सार सबल बेटी, मंद-मंद मुस्काती बेटी। बेटे की आस रहा करती, बेटी फसलों-सी लहलहाती.. अपने कर्तव्यों की सीमा पर, […]

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नए वर्ष के नव जीवन में, नई उमंगें आने दो.. इन्सानों की दुनिया में तुम, अब सबको मुस्काने दो। सत्य,प्रेम की बातों से तुम, जग को भी तर जाने दो.. आशाओं और उम्मीदों को, नए ख्वाब सजाने दो। तम की काली रातों में, अब पूर्णिमा घुल जाने दो.. जीवन की […]

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राम भरोसे और नयनसुख के बीच प्रगाढ़ मित्रता की खबरें इंटरनेट पर वायरल हो चुकी थीं। इसे देखकर दोनों मित्रों में स्वयं की सर्वश्रेष्ठता का बीज अंकुरित हो गया। दोनों में ‘सर्वश्रेष्ठ कौन ?, के लिए एक लंबी बहस चली,और फैसला फैसबुक पर लाइक-अनलाइक की संख्या से हुआ। जब ऊंचे […]

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हमारे रामभरोसे, होली के रंगों से इस कदर घबराते हैं जिस तरह, कोई नई-नवेली दुल्हन चौखट पार करने में पल-पल हिचकिचाती है, या नया-नया नेता आश्वासन देने में अटक-अटक जाता है। हमने भी मन में ठान ली, थोडी़ भंग छान ली.. उनके यहां जा पहुंचे, हाँथों में रंग देख.. उनके […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।