अपने रिटायमेंट के बाद, मनोहर जब अपने पारिवारिक दायित्वों से मुक्ति पाया।तब अपने परिवार व समाज को लेकर उसके मन की कुछ सुंदर कल्पनाएं जो शुरू से ही उसके मन मे बसी थी।जिन्हें वो लाख कोशिशों के बाद भी यथार्थ में नही बदल पाया। तो बुढ़ापे में उसने केनवास पर […]

राजीव पुरुषों तक तो ठीक है,पर महिलाओं से भी ये तुम्हारी जो बात बात पर ताली दे हँसने की आदत है।वह सबके सामने जरा ठीक नही लगती।ओर मेरे मायके में तो इसे बड़ा बुरा माना जाता है।क्या तुम मेरे लिए अपनी यह आदत सुधार नही कर सकते।राधिका राजीव से विनीत […]

नारी दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती अवतार है, नारी जग जननी ममता और प्यार है। नारी मां बन पोषण करती      संस्कार को देती है प्रथम गुरु बन शिशु  को आकार नया वह देती है। बहन बनकर नारी         भाल पर तिलक लगती है, भैया के हर दुख […]

तड़प उठा है हिंदुस्तान दहक रही सीने में ज्वाला है। नापाकी तेरी करतूतों ने   ह्रदय छलनी कर डाला है। जब भी हमने दोस्ती का पैगाम आगे लाया है। खूनी होली खेलकर तूने कायरता दिखाया है। अब शब्दबाण से नही       अग्नि वर्षा से बात होगी। शहीदों की […]

दीदी जी मेरे पति की तबियत बहुत खराब है,ओर साहब ने मुझे पिछले दो माह से तनख्वाह भी नही दी है।अगर आप अभी कुछ पैसे दे सके।कजरी इसके आगे कुछ कह पाती उसके पहले ही मालकिन बोली,मेरे पास पैसे कहाँ है।तेरे साहब बाहर गए है,वो एक दो दिन में वापस […]

वह सौर्य ध्वज का वाहक        परचम उसे लहराना था। है अभिनव अमिट नवीन भारत अभिनंदन को वापस आना ही था। गीदड़ नाहर को कैसे रोके   आंखों से निकले वो शोला है। सर पर कफ़न बांध के निकला पहना बासन्ती चोला है। है गर्व हमें तेरी वीरता […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।